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- चीन ने छुपाई कोरोना वायरस की जानकारी...वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी' की विशेषज्ञ लि-मेंग यान
Posted by : achhiduniya
11 July 2020
अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने चीन पर बार-बार
ये आरोप लगाए हैं कि उसने सही समय पर इस वायरस के फैलने की जानकारी विश्व समुदाय
को नहीं दी। अपने ऊपर उठ रहे सवालों को चीन ने हमेशा झुठलाया है। चीन का दावा है
कि जैसे ही उसे इस वायरस की गंभीरता का पता चला, उसने फौरन
विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत दुनिया के कई देशों को इसकी जानकारी दी,लेकिन अब हांगकांग की एक वायरलोलॉजिस्ट ने चीन के इस दावे को
लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है। हांगकांग से जान बचाकर अमेरिका पहुंची एक
वायरोलॉजिस्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। वायरोलॉजिस्ट का दावा है कि चीन को
इस घातक वायरस के बारे में पहले से जानकारी थी,लेकिन
उसने इसे दुनिया से छिपाए रखा। शुक्रवार को फॉक्स न्यूज को दिए एक एक्सक्लूसिव
इंटरव्यू में हांग-कांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी की विशेषज्ञ लि-मेंग यान ने ये दावा किया है। लि-मेंग यान ने
कहा, कोरोनावायरस के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने से बहुत पहले बीजिंग को मालूम था। उन्होंने कहा कि प्रकोप की
कहा, कोरोनावायरस के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने से बहुत पहले बीजिंग को मालूम था। उन्होंने कहा कि प्रकोप की
शुरुआत से ही उन्होंने शोध शुरू कर
दिया था,लेकिन उनके शोध को उनके सुपरवाइजर्स ने नजरअंदाज कर दिया, जो कि इस विषय में दुनिया के शीर्ष विशेषज्ञ हैं। उनका मानना है
कि उनके शोध से लोगों को जान बचाई जा सकती थी। फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू में
उन्होंने खुद को कोविड-19 पर स्टडी करने
वाली दुनिया के पहले कुछ वैज्ञानिकों में से एक बताया। उन्होंने कहा, अपने राज को दुनिया के सामने आने से रोकने के लिए चीन सरकार ने
विदेशी और यहां तक की हांगकांग के विशेषज्ञों को रिसर्च में शामिल करने से इनकार
कर दिया था। उनका कहना है कि उस वक्त उनके पास केवल पासपोर्ट और पर्स था, बाकी सब छोड़ना पड़ा। यदि वह पकड़ी जातीं तो जेल में डाल दी
जातीं या गायब कर दी जातीं। यान ने कहा कि चीन की सरकार उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल
करने की कोशिश कर रही है और सरकार के गुंडे उन्हें चुप करने के लिए साइबर अटैक कर
रहे हैं। यान ने मीडिया को बताया कि हांगकांग सरकार ने
गृहनगर में उनके छोटे से अपार्टमेंट को तोड़ दिया और उसके माता-पिता से पूछताछ की। वह कहती हैं कि अब भी उनकी जान को
गृहनगर में उनके छोटे से अपार्टमेंट को तोड़ दिया और उसके माता-पिता से पूछताछ की। वह कहती हैं कि अब भी उनकी जान को
खतरा है। उन्हें यह भी डर है कि दोबारा कभी अपने घर जाकर दोस्तों और
परिवार के लोगों से नहीं मिल पाएंगी। यान ने बताया कि पूरे चीन के उनके साथियों ने इस वायरस पर चर्चा
की,
लेकिन जल्द ही उनके बात करने के तरीके में
परिवर्तन देखने को मिला। शायद यह उनपर चीन सरकार का दबाव था। जो शोधकर्ता कल तक
खुलकर वायरस पर चर्चा करते थे, अचानक उन्हें चुप कर दिया गया।
वुहान के डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने इस विषय पर चुप्पी साध ली और दूसरों को
चेतावनी दी गई कि उनसे इस संबंध में जानकारी न मांगी जाए। आगे चलकर वुहान इस वायरस
का केंद्र बनकर उभरा। इसके बाद यान ने हांगकांग को छोड़ने का फैसला लिया।