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- 20% कोरोना मरीज ही 'सुपर स्प्रेडर'{घातक संक्रमणी} होते हैं....अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किया दावा
Posted by : achhiduniya
19 August 2020
अमेरिका मे हुई रिसर्च जिसके अनुसार वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमित 80% मरीज संपर्क में आए दूसरे लोगों को संक्रमित नहीं करते हैं। शोध के अनुसार, सिर्फ 20% मरीज ही कोरोना के 'सुपर स्प्रेडर' होते हैं। अमेरिका के फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर में हुए एक शुरुआती अध्ययन में पाया गया है कि COVID-19 आमतौर पर 'सुपर-स्प्रेडर घटनाओं' के माध्यम से फैलता है और ऐसे कोरोना से संक्रमित लोगों में से केवल 20% मरीज ही आगे दूसरों को संक्रमित करते हैं। रिसर्च टीम के मुख्य वैज्ञानिक शिफर, फ्रेड हच पोस्टडॉक्टोरल, आशीष गोयल और ब्रायन मेयर ने बताया कि हमनें इस वायरस के व्यवहार की
तुलना फ्लू से करने के लिए एक कंप्यूटर
मॉडल का उपयोग किया। इसमें पाया गया कि COVID-19 तब सबसे ज्यादा फैलता है जब
आमतौर पर कोई व्यक्ति जो पूरी तरह सिम्पटम्स के साथ संक्रमित होता है और वह गलत
जगह, गलत समय पर होता है। शोध में कहा गया कि कोरोना वायरस
से संक्रमित मरीज कई हफ्तों तक वायरस को बेहद कम ही फैलाते हैं, वो दो दिनों में मुश्किल से एक
व्यक्ति को ही संक्रमित कर सकते हैं। सुपर-स्प्रेडर्स तब होता है जब कोई संक्रमित
व्यक्ति अपने पीक कॉन्टैगियस पॉइंट पर होता है और लोगों के बीच में
उठना बैठना कर रहा होता है। इस बात को ऐसे समझा जा सकता है कि
अक्सर परिवार का एक
व्यक्ति संक्रमित होता है पर बाकी सदस्य नहीं होते हैं। इसका मतलब है कि जो
व्यक्ति पॉजिटिव था वो अपने पीक कॉन्टैगियस पॉइंट पर नहीं था। हालांकि ये रिसर्च
अभी कोई भी चीज का पुर्णतः दावा नहीं कर रही पर डिजिटल सिमुलेशन के बाद ये
बहुत चीजों को साफ करती नजर आ रही है जो हमें कोरोना काल में देखने को मिल रही है।
इसमे यह भी बताया गया है कि जब संक्रमित व्यक्ति लोगों की भीड़ में होता है और उसे
लक्षण है तो वो और भी हानिकारक हो सकता है यदि संक्रमित व्यक्ति मास्क के बिना
लोगों के अंदर या आसपास है।
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