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आतंकियों,हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में इस्तेमाल होने वाली टनल को BSF ने भारत-पाक बॉर्डर पर सर्च आपरेशन के दौरान खोजा...
Posted by : achhiduniya
29 August 2020
जम्मू के सांबा सेक्टर में भारतीय सीमा की ओर सीमा पर लगी बाड़ से लगभग 50 मीटर की दूरी पर एक सुरंग का पता बीएसएफ के गश्ती दल ने लगाया। सुरंग के मुंह पर थे 8-10 प्लास्टिक सैंडबैग, जिन पर लिखा है 'कराची और शकरगढ़'। अधिकारियों के अनुसार अधिकारियों ने बाद में सुरंग की जांच की और उसके मुंह पर प्लास्टिक के सैंडबैग पाए गए, जिन पर पाकिस्तानी होने के चिह्न थे। सूत्रों के अनुसार, सुरंग के मुंह के बाद यह लगभग 25 फीट गहरी है और सीमा बल ने इस क्षेत्र में आईबी के साथ मिलकर एक बड़ा खोज
अभियान शुरू कर दिया है ताकि अन्य कोई ऐसी गुप्त संरचना हो तो उसका भी पता लगाया जा सके, जो घुसपैठियों को पाकिस्तान से सीमा पार करने में मदद करती हो। इनके जरिए आतंकियों, हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में भी मदद मिलती है। अधिकारियों ने कहा कि लगभग 8-10 प्लास्टिक सैंडबैग जिन पर 'कराची और शकरगढ़' लिखा है। उन्हें सुरंग के मुंह से बरामद किया गया है और बैग पर बनने और एक्सपायरी की तारीख है, जो यह दिखाता है कि उनका निर्माण हाल ही में किया गया था। उन्होंने कहा कि निकटतम पाकिस्तानी सीमा चौकी सुरंग से लगभग 400 मीटर दूर है। बीएसएफ का दावा है कि इस टनल से पाकिस्तान आतंकियों और हथियारों की घुसपैठ कराने की फिराक में था। यह टनल ज़मीन से 25 फ़ीट अंदर खोदी गयी है और इसकी गोलाई 3 से 4 फ़ीट है। भारतीय सीमा में जिस खेत मे यह सुरंग मिली है वो अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 170 मीटर अंदर हैं। वहीं, इस टनल को बनाने और इसकी मज़बूती के लिए पाकिस्तान ने सीमेंट का भी इस्तेमाल किया है। इस टनल से बीएसएफ को पाकिस्तान के कराची और शकरगढ़ की कई फैक्टरियों के सीमेंट बैग मिले हैं। इन बैग्स में जहां सुरंग के अंदर सीमेंट पहुंचाया जाता था तो वहीं खाली बैग्स में खोदी गयी मिट्टी को सुरंग से निकाला जाता था। बीएसएफ आईजी एनएस जामवाल ने कहा है, मिले सैंडबैग पर पाकिस्तानी होने के चिह्न साफ देखे जा सकते हैं, जो यह साफ दिखाता है कि इसे बाकायदा योजना बनाकर खोदा गया और इसके लिए इंजीनियरिंग प्रयास किये गये। बिना पाकिस्तानी रेंजर्स और अन्य एजेंसियों की सहमति और अनुमोदन के इतनी बड़ी सुरंग नहीं बनाई जा सकती थी।