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- 'लोकशाही' पर 'तानाशाही' का असर बढ़ता जा रहा,लोकतांत्रिक संस्थाओं को बर्बाद किया जा रहा है...सोनिया गांधी का केंद्र की मोदी सरकार पर हमला
'लोकशाही' पर 'तानाशाही' का असर बढ़ता जा रहा,लोकतांत्रिक संस्थाओं को बर्बाद किया जा रहा है...सोनिया गांधी का केंद्र की मोदी सरकार पर हमला
Posted by : achhiduniya
29 August 2020
नवा रायपुर में शनिवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा की
नई बिल्डिंग के लिए आधारशिला रखने के कार्यक्रम के लिए अपने रिकॉर्डेड वीडियो
संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि देशविरोधी और गरीब
विरोधी ताकतें भारत में नफरत और हिंसा का जहर फैला रही हैं। सोनिया गांधी ने बिना नाम लिए नरेंद्र
मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि देश की 'लोकशाही' पर 'तानाशाही' का असर बढ़ता ही जा रहा है।
अपने संबोधन में सोनिया ने कहा कि देश के संस्थापकों ने कभी कल्पना भी नहीं की
होगी कि आजादी के 75 सालों के बाद संविधान और लोकतंत्र खतरे में होगा
क्योंकि 'बुरी सोच का अब बोलबाला
है,अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है और लोकतांत्रिक संस्थाओं को बर्बाद किया जा रहा है। गरीब विरोधी और देश विरोधी ताकतें नफरत और हिंसा का जहर फैला रही हैं। सोनिया गांधी ने कहा, पिछले कुछ समय से देश को पटरी से उतारने की कोशिशें की जा रही हैं। हमारे लोकतंत्र के सामने नई चुनौतियां आ चुकी हैं। आज देश चौराहे पर खड़ा है। गरीब विरोधी और देश विरोधी ताकतें और लोगों को एक दूसरे से लड़वाकर सत्ता में आए लोग नफरत और हिंसा का जहर फैला रही हैं। उन्होंने कहा, बुरी सोच अच्छी सोच पर हावी है, अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है और लोकतांत्रिक संस्थाओं को बर्बाद किया जा रहा है। लोकशाही पर तानाशाही का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है। बिना किसी का नाम
लिए सोनिया ने कहा कि वो देश के लोगों की आवाज दबाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, वे क्या चाहते हैं? वे चाहते हैं कि देश, हमारे युवा, हमारे आदिवासी लोगों, हमारी महिलाएं, हमारे किसान, दुकानदार और छोटे कारोबारी, जवान सभी अपना मुंह बंद रखे। सोनिया ने कहा कि 2 साल बाद देश आजादी के 75 साल पूरा कर लेगा। उन्होंने कहा, राष्ट्र पिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, जी. वी. मावलंकर (संविधान सभा के स्पीकर), डॉक्टर बी. आर. आंबेडकर और हमारे दूसरे पूर्वजों ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि आजादी के 75 सालों बाद देश इस तरह के मुश्किल हालात का सामना करेगा और हमारा संविधान, लोकतंत्र खतरे में होगा।