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- “पहले बात जरूरत पड़ी तो लात”....LAC भारत-चीन तनाव पर CDS बिपिन रावत ने दिखाया जोश....
पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) में चीनी सेना द्वारा किए गए बदलाव और उल्लंघनों से निपटने के लिए सैन्य विकल्प जारी है, लेकिन इस विकल्प का उपयोग केवल सैन्य और राजनयिक स्तर पर वार्ता विफल होने के बाद ही किया जाएगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ{ CDS} जनरल बिपिन रावत का कहना है, सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत-चीन के बीच हर स्तर पर बातचीत हो रही है, लेकिन अगर चीन के बातचीत विफल रही तो लद्दाख में सैन्य विकल्पों पर विचार करेंगे। इस मुद्दे से निपटने के लिए सेना हर मोर्चे पर तैयार है। जनरल रावत ने कहा, भारत सरकार मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहती है। रावत ने इशारा किया, पूर्वी लद्दाख में सेना पूरी तरह तैयार है। हालांकि उन्होंने कोई भी ऑपरेशनल डिटेल्स देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा LAC पर
अतिक्रमण अलग-अलग नजरिये की वजह से होता है। रक्षा सेवाओं का काम निगरानी रखना और ऐसे अतिक्रमण को घुसपैठ में तब्दील होने से रोकने का है। सरकार चाहती है, शांतिपूर्ण तरीके से मसले सुलझाए जाएं। अगर सीमा पर पूर्वस्थिति बहाल करने की कोशिशें असफल होती हैं तो सैन्य कार्रवाई के लिए रक्षा सेवाएं हमेशा तैयार हैं। भारत और चीन के बीच वार्ता को लेकर गतिरोध बना हुआ है। वहीं सीमा को सुदृढ़ करने के लिए भारत को तीन और संरचनाओं के पास जाना होगा। इसके अलावा सिंह ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी की मौजूदा स्थिति पर
डोभाल, रावत और तीन सेवा प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक भी की थी। एलएसी में चीनी सैनिक अभी भी डेरा डाले हुए हैं। बता दें कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की टुकड़ियां वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई विवादित बिंदुओं पर बैठी हुई हैं। उन्होंने जुलाई के मध्य से ही वहां से हटने से मना कर दिया है और निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।इन नए हालात और चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा करने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की।


