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- भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसद की कमी आने का मूडीज का नया अनुमान
Posted by : achhiduniya
11 September 2020
भारत सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए 25 मार्च से पूरे देश में 'लॉकडाउन लगाया था। इसका असर अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों पर पड़ा है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 2020-21 की पहली तिमाही में 39.3 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए 'लॉकडाउन से देश की नरमी में फंसी अर्थव्यवस्था पर और बुरा असर पड़ा है। सरकार की ओर
से जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में अथर्व्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट आई है। इस दौरान कृषि को छोड़कर विनिर्माण, निर्माण और सेवा समेत सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन खराब रहा है। सबसे अधिक प्रभाव निर्माण उद्योग पर पड़ा है। जो 50 प्रतिशत से भी अधिक गिरा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इससे पूर्व वर्ष 2019-20 की इसी
तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। मूडीज ने कहा, अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में गहरे दबाव से देश की वित्तीय मजबूती में और गिरावट आ सकती है। इससे साख पर दबाव और बढ़ सकता है। मूडीज ने कहा कि उसका अनुमान है कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसद की गिरावट आएगी। हालांकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 10.6 फीसद की वृद्धि दर्ज करेगी। इससे पहले एक वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 फीसद की गिरावट का अनुमान लगाया है। घरेलू रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल और इंडिया रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमश: 9 फीसद और 11.8 फीसद की गिरावट का अनुमान लगाया है।