- Back to Home »
- Discussion »
- पक्ष –विपक्ष की तीखी बहस के बाद... होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2020 पास
Posted by : achhiduniya
18 September 2020
मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित हो गया है। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद बिल लागू हो जाएगा। इस विधेयक के पारित होने से होम्योपैथी के स्टूडेंट्स को गुणवत्ता के साथ-साथ सस्ती पढ़ाई मुहैया कराई जा सकेगी। सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने सरकार से सवाल किया कि, होम्योपैथी केंद्रीय
परिषद के गठन इतना समय क्यों लगा। इसके अलावा विपक्ष ने गुरुवार को लोकसभा में पास हुए कृषि अध्यादेशों को लेकर भी हंगामा किया। कांग्रेस ने कहा, ये अध्यादेश लाकर केंद्र ने हरित क्रांति को खत्म करने की कोशिश की है। होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक को लेकर डीएमके सांसद टी शिवा ने राज्यसभा में कहा, यह संघवाद की जड़ों पर प्रहार करने के लिए इस सरकार का एक और प्रयास है। जिस दिन से उन्होंने पदभार संभाला उस दिन से, अधिकांश विधेयकों ने राज्य सरकार की शक्तियों को छीन लिया है। स्थायी समिति ने स्पष्ट रूप से कहा है कि, सलाहकार परिषद में राज्य चिकित्सा परिषदों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। इसलिए यह सिफारिश की जाती है कि राज्य मेडिकल काउंसिल के निर्वाचित सदस्यों के प्रतिनिधित्व के लिए एक प्रावधान होना चाहिए। सदन में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद द्वारा गोमूत्र का मजाक उड़ाने के बाद राज्यसभा में हंगामा भी हुआ। तृणमूल सांसद शांतनु सेन उच्च सदन में होम्योपैथी केंद्रों की भयावह स्थिति के बारे में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ऐसी सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है जो कहती है कि गोमूत्र पीने से बीमारी या कोविड-19 ठीक हो सकता है? सेन ने कहा, वे अप्रत्यक्ष रूप से निजी मेडिकल कॉलेजों, नीमहकीमों को बढ़ावा दे रहे हैं। कई लोग गोमूत्र के औषधीय गुणों को मानते हैं और गाय को पवित्र मानते हैं। कई ने अन्य बीमारियों के बीच कैंसर को ठीक करने के इसके गुणों का दावा किया है। हाल ही में फिल्म स्टार अक्षय कुमार ने भी स्वीकार किया कि वह गोमूत्र का सेवन करते हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि ऐसी कई बीमारियां हैं जिनका एलोपैथी में कोई इलाज नहीं है, लेकिन आयुर्वेद में इसका इलाज मौजूद है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि आयुष मंत्रालय के बजट में होम्योपैथी के लिए अलग से निर्धारित राशि बहुत कम है। दूसरी ओर द्रमुक ने सिफारिश की कि राज्य चिकित्सा परिषदों के निर्वाचित सदस्यों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान होना चाहिए। भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि होम्योपैथिक दवाओं की प्रभावशीलता को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। होम्योपैथी न केवल बीमारी, बल्कि रोगी पर भी फोकस करता है। उन्होंने कहा, यह अफसोस की बात है कि भारतीय चिकित्सा की इस विशेष प्रणाली को एक्सप्लोर नहीं किया जा रहा है।