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- दुश्मनों के छ्क्के छुड़ाने रण के मैदान में उतरा राफेल....
Posted by : achhiduniya
10 September 2020
भारत ने 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के देश के अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे के तहत 36 राफेल के लिए अनुबंध किया है, जिसमें से अधिकांश भुगतान फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन को पहले ही किए जा चुके हैं। मनोहर पर्रिकर जब रक्षा मंत्री थे, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और 2018-2019 में तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर 2016 में इस डील पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस डील के साइन होने के बाद विपक्ष ने इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। पिछले साल अप्रैल-मई में चुनाव के दौरान इस मुददे पर मोदी सरकार को जमकर घेरा गया था। 29 जुलाई को फ्रांस से भारत पहुंचे पांच राफेल लड़ाकू विमान 29 जुलाई को फ्रांस से
भारत पहुंचे और देश में 24 घंटों के भीतर ट्रेनिंग शुरू की गई। फ्रांसीसी मूल के लड़ाकू विमान वायु सेना के 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं। लड़ाकू विमान पहले ही लद्दाख क्षेत्र में उड़ान भर चुके हैं और इस इलाके से परिचित हो चुके हैं। जहां से उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में उड़ान भरनी है। देश में जो पांच राफेल पहुंचे हैं उनमें तीन सिंगल-सीटर और दो ट्विन-सीटर हैं। एयर-टू-एयर मीटियोर, एयर टू ग्राउंड SCALP और हैमर मिसाइलों से लैस राफेल के आने से भारतीय वायु सेना को अपने
पारंपरिक विरोधी चीन और पाकिस्तान पर दक्षिण एशियाई आसमान में अपनी लंबी दूरी की हिट क्षमताओं के कारण बढ़त मिलने की उम्मीद है। फ्रांस से लाए गए पांचों राफेल विमानों के वायुसेना के 17 स्कवॉड्रन 'गोल्डन ऐरोज' में शामिल किया गया है। हरियाणा के अंबाला एयरबेस में राफेल विमानों को एयरफोर्स में शामिल करने के लिए भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में पांच राफेल लड़ाकू विमान औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल हो गए हैं। समारोह में राजनाथ सिंह के अलावा फ्रांसीसी रक्षा मंत्री
फ्लोरेंस पार्ली और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी शामिल हुए। अंबाला एयरबेस में राफेल विमानों को वायुसेना के बेड़े में शामिल करने के कार्यक्रम की शुरुआत सर्वधर्म पूजा से हुई। वायुसेना की प्रक्रिया के तहत सभी धर्मों के गुरुओं ने पूजा की और विधिवत राफेल को शामिल किया। इस दौरान धर्मगुरुओं ने शांति और देश के जवानों की सलामती के लिए प्रार्थना की। राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली सर्वधर्म पूजा में शामिल हुए। इसके बाद
फ्लाईपास्ट किया गया। राफेल के वायुसेना में शामिल होने के बाद हुए एयर शो में सुखोई, जगुआर, देश में निर्मित स्वदेशी तेजस जैसे लड़ाकू विमान शामिल हुए। लड़ाकू विमानों को वाटर कैनन से सलामी दी गई। रंग-बिरंगे हेलीकॉप्टर सारंग ने भी आसमान में करतब दिखाया। एयरबेस पर फ्लाईपास्ट के दौरान सबसे पहले पांच सुखोई विमानों ने उड़ान भरी। जगुआर, देश में निर्मित स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान भी शामिल हुए। फ्लाईपास्ट के शुरू होने के साथ ही राफेल लड़ाकू विमानों ने भी आसमान में करतब दिखाया।