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भेदभाव और डिजिटल रंगभेद मिटाने के लिए गरीब बच्चों को लैपटॉप और इंटरनेट पैकेज मुहैया कराए प्राइवेट और सरकारी स्कूल..दिल्ली हाई कोर्ट ने दिए आदेश
Posted by : achhiduniya
18 September 2020
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि महामारी के वर्तमान दौर में ऐसे छात्रों को आवश्यक उपकरण उपलब्ध नहीं कराना, विशेषतौर पर शिक्षा के अधिकार कानून-2009 के प्रावधानों का उल्लंघन होगा। उन्होंने यह भी कहा कि गैर वित्तपोषित निजी स्कूल, शिक्षा के अधिकार कानून-2009 के तहत उपकरण और इंटरनेट पैकेज खरीदने पर आई तर्कसंगत लागत की प्रतिपूर्ति राज्य से प्राप्त करने के योग्य हैं, भले ही राज्य यह सुविधा उसके छात्रों को मुहैया नहीं कराती है। दिल्ली हाई कोर्ट ने प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को निर्देश जारी करते
हुए गरीब बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं के लिए लैपटॉप और इंटरनेट पैकेज मुहैया कराने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि ऐसी सुविधाओं की कमी भेदभाव' और डिजिटल रंगभेद पैदा करती है। उन्होंने कहा कि उपकरण उपलब्ध नहीं होने के चलते एक ही कक्षा में पढ़ने वाले ऐसे छात्रों को अन्य छात्रों की तुलना में हीन भावना' महसूस होगी जो उनके मन और मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने कहा कि यदि एक स्कूल स्वयं ही ऑनलाइन प्रणाली के जरिए कक्षाएं संचालित करने का फैसला करता है