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- कृषि सुधार विधेयकों को महाराष्ट्र में लागू नहीं किया जाए...उपमुख्यमंत्री अजित पवार का मत
Posted by : achhiduniya
25 September 2020
पुणे में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार का प्रयास है कि कृषि सुधार विधेयकों को महाराष्ट्र में लागू नहीं किया जाए। परंतु इन विधेयकों के कारण पैदा होने वाली नई समस्याओं और अदालत में मामला जाने पर क्या हो सकता है, इस बारे में सरकार अध्ययन कर रही है।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने इस संबंध में सरकार के विधि व न्याय विभाग और एडवोकेट जनरल से भी राय मांगी है। अजित ने कहा कि कृषि सुधार विधेयकों को लेकर मेरी अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई थी, जिसमें प्रदेश के विपणन मंत्री बालासाहब पाटील, जलसंसाधन मंत्री जंयत पाटील और संबंधित विभाग के सचिव मौजूद थे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि सुधार विधेयक किसानों को अपने हित में नहीं लग रहा है। राकांपा समेत कई दलों ने इसका विरोध किया है। किसानों को लगता है कि विधेयक उनके हित में नहीं है, फिर पता नहीं क्यों केंद्र सरकार को विधेयक मंजूर कराने के लिए इतनी जल्दबाजी थी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तथा राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि महाराष्ट्र में कृषि सुधार विधेयक लागू नहीं हो। थोरात ने कहा कि कांग्रेस कृषि सुधार विधयकों को लागू नहीं करने के बारे में सहयोगी दल राकांपा और शिवसेना के साथ चर्चा करेगी। मुझे विश्वास है कि तीनों दलों के बीच इस पर एक राय हो जाएगी। थोरात ने कहा कि कृषि सुधार विधयक किसान विरोधी है यह सभी को स्वीकार करना पड़ेगा। वहीं शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कृषि सुधार विधयकों को लागू करने के संबंध में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। कृषि सुधार विधयकों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना को कंफ्यूज्ड पार्टी बताया था। इस पर राऊत ने कहा कि फडणवीस राष्ट्रीय मुद्दों पर शिवेसना की भूमिका का अध्ययन कर रहे हैं। संभवतः उनके मन में केंद्र में जाकर काम करने की इच्छा है। राज्यसभा में कृषि विधेयकों के मंजूरी के समय शिवसेना के वॉक आऊट के सवाल पर राऊत ने कहा कि राज्यसभा में इन विधेयकों पर वोटिंग ही नहीं हुई थी। मैं ध्वनिमत को मतदान नहीं मानता हूं। इससे पहले गुरुवार को शिवसेना नेता तथा प्रदेश के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने कृषि सुधार विधयकों का समर्थन किया था।