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मीडिया जांच में बाधा न बने, कोई भी विवरण प्रकाशित या रिपोर्टिंग करते समय संयम बरते....बॉम्बे हाई कोर्ट का आग्रह
Posted by : achhiduniya
03 September 2020
बॉम्बे हाई कोर्ट जस्टिस ए ए सैयद और जस्टिस एस पी तावड़े की एक खंडपीठ ने कहा कि मीडिया को इस तरह से रिपोर्ट करनी चाहिए कि यह जांच में बाधा न बने। कोर्ट उन दो याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी जिनमें दावा किया गया है सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में मीडिया ट्रायल चल रहा है और इसे रोके जाने का अनुरोध किया गया। इनमें एक याचिका मुंबई पुलिस के खिलाफ अनुचित, दुर्भावनापूर्ण और झूठे मीडिया अभियान चलाए जाने के खिलाफ आठ पूर्व आईपीएस अधिकारियों ने दायर की है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि मीडिया संगठन अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जांच के बारे में कोई भी विवरण प्रकाशित या रिपोर्टिंग करते समय संयम बरतेंगे। याचिकाकर्ताओं में पूर्व पुलिस महानिदेशक एम एन सिंह, पी एस
पसरीचा, के सुब्रमण्यम, डी शिवानंदन, संजीव दयाल और सतीश माथुर, पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पी रघुवंशी और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त डी एन जाधव शामिल हैं। एक अन्य याचिका फिल्म निर्माता नीलेश नवलखा और दो अन्य ने दायर की है जिन्होंने मामले में सनसनीखेज रिपोर्टिंग नहीं करने के लिए मीडिया संगठनों को निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है। अदालत ने कहा, हम आग्रह और उम्मीद करते हैं कि मीडिया संगठन राजपूत की मौत के मामले में जांच के बारे में कोई भी विवरण प्रकाशित या रिपोर्टिंग करते समय संयम बरतेंगे और मीडिया को इस तरह से रिपोर्ट करनी चाहिए कि यह जांच में बाधा न बने। पीठ ने कहा कि मामले में आगे की सुनवाई से पहले वह यह देखना चाहेगी कि केंद्र सरकार और मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का इन याचिकाओं के जवाब में क्या कहना है। हाई कोर्ट ने याचिकाओं की अगली सुनवाई की तारीख 10 सितंबर तय की है।