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- सास बहू के झगड़े को खत्म करने का सही प्रसंग...
Posted by : achhiduniya
01 October 2020
एक सब्जी की दुकान पर जहाँ से मैं अक्सर सब्जियाँ लेती हूँ जब मैं पहुँची तो सब्जी वाली फोन पर बात कर रही थी अत: कुछ क्षण रुकना ठीक समझा और उसने रुकने का संकेत भी किया तो रुक गयी और उसकी बात मेरे कान में भी पड़ रही थी। वह अपनी उस बेटी से बात कर रही थी जिसकी शादी तीन चार दिन पहले हुई थी। वह कह रही थी देखो बेटी घर की याद आती है ठीक है ,लेकिन वह घर
अब तुम्हारा है। तुम्हें अब अपना सारा ध्यान अपने घर के लिया लगाना है और बार बार फोन मत किया करो और छिपकर तो बिलकुल भी नहीं। जब भी यहाँ फोन करना तो सास या पति के सामने करना। तुम अपने फोन पर मेरे फोन का इंतजार कभी मत करना। मुझे जब बात करना होगा तो मैं तुम्हारी सास के नंबर पर लगाऊँगी। तब तुम भी बात करना और बेटी अब ससुराल में हो जरा जरा सी बात पर तुनकना छोड़ दो सहनशक्ति रखो। अपना घर कैसे चलाना है ये सब अपनी सास से
सीखो। एक बात ध्यान रखो इज्जत दोगी इज्जत पाओगी। ठीक है। सुखी रहो। मैंने प्रशंसा के भाव में कहा बहुत सुंदर समझाया आपने। उसने कहा बहन माँ को बेटी के परिवार में अनावश्यक दखल नहीं देनी चाहिये। उन्हें अपने घर की बातों को भी बिना मतलब इधर उधर नहीं करना चाहिये। वहाँ हो तो समस्या का हल खुद ढूँढ़ो।मैं उस देवी का मुँह देखती रह गयी। सभी माँ को इसी तरह से सोचना चाहिए ताकि बेटी अपने घर को खुद का घर समझे।