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- पंकजा मुंडे के बागी तेवर बीजेपी के लिए एकनाथ खडसे के बाद नई आफत न बन जाए....
Posted by : achhiduniya
31 October 2020
बीते दिनो एकनाथ खडसे अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। मन मुटाव का कारण उन्होने देवेन्द्र फडणवीस को ठहराया था। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा (भाजयुमो) की पूर्व अध्यक्ष और दिवंगत बीजेपी गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे भी भाजपा का साथ छोड़ सकती हैं। भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने हाल ही में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद
पवार प्रशंसा की थी,जिसके बाद उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो गईं। सूत्रों के मुताबिक पंकजा ने पार्टी में शामिल होने के लिए शिवसेना के प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से खारिज नहीं किया है। पंकजा की प्रशंसा और शुभकामनाएं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस,भाजपा इकाई के मुखिया चंद्रकांत पाटिल, सांसद रावसाहेब दानवे और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की आलोचना के ठीक उलट थी। उनका यह बयान शिवसेना से ऑफर मिलने के तीन दिन बाद आया। 22 अक्टूबर को ठाकरे ने बाढ़ पीड़ितकिसानों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की,जिसे भाजपा ने मूंगफली बताया। हालांकि, तीन दिन बाद पंकजा ने मुख्यमंत्री को बधाई दी और राहत पैकेज का स्वागत किया। पिछले साल विधानसभा चुनावों में हारने के बाद से पंकजा पार्टी से नाराज हैं। एकनाथ खडसे की तरह उन्होंने अपनी हार के लिए पार्टी की गुटबाजी को जिम्मेदार ठहराया था। पंकजा ने साल 2009 और साल 2014 में परली विधानसभा सीट जीती थी,लेकिन साल 2019 में अपने चचेरे भाई, एनसीपी के धनंजय मुंडे से हार गईं। 25 अक्टूबर को बीड जिले के भगवांगड में वार्षिक दशहरा रैली में पंकजा ने कहा कि उन्होंने राहत पैकेज की घोषणा करके सीएम से बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए दीपावली को अच्छा
बनाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा, मैं मुख्यमंत्री द्वारा घोषित राहत पैकेज की सराहना और उनका स्वागत करती हूँ, हालांकि उन्होंने कहा कि यह पैकेज कम है और मुख्यमंत्री को अधिक उदार होना चाहिए। उन्होंने कहा,जब कोरोना के चलते लॉकडाउन लागू था तब सीएम ने उन्हें गन्ना किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाया था। पंकजा ने कहा, जब मैंने सीएम को समझाया, तो सरकार ने गन्ना किसानों को घर लौटने की अनुमति दी। मुख्यमंत्री मुझसे नाराज़ हो गए,क्योंकि वह मेरे बड़े भाई हैं,लेकिन उन्होंने मेरी बात सुनी। पंकजा ने यह भी कहा कि वह गन्ना श्रमिकों की समस्याओं को लेकर शरद पवार से मिलेंगी और आशा जताई कि उन्हें मदद मिलेगी। बाद में उन्होंने पवार की प्रशंसा में ट्वीट किया वाह महामारी के दौरान भी आप इतने सारे दौरे कर रहे हैं,आपकी कार्यशैली अनुकरणीय है। पंकजा ने अपने भाषण में ठाकरे का नाम तीन बार लिया और पवार का जिक्र 2 बार
किया। उन्होंने फडणवीस या किसी अन्य भाजपा नेता का जिक्र बिल्कुल नहीं किया। इसी रैली में पंकजा ने कहा कि यह गोपीनाथ मुंडे साहेब का सपना था कि वह मुंबई के शिवाजी पार्क में एक रैली आयोजित करें और अगले साल मैं शिवाजी पार्क में शिवतीर्थ में दशहरा रैली आयोजित कर सकती हूं। उन्होंने ठाकरे को शुभकामनाएं दीं जो उस शाम को शिवाजी पार्क शिवसेना के पारंपरिक दशहरा भाषण देने वाले थे. उन्होंने कहा,मेरी शुभकामनाएं महाराष्ट्र के सभी लोग उन्हें देखेंगे। खडसे के एनसीपी में चले जाने के बाद,पूर्व मंत्री अर्जुन खोटकर और वर्तमान मंत्री गुलाबराव पाटिल जैसे शिवसेना नेताओं ने पंकजा से सेना में शामिल होने का आग्रह किया था। 24 अक्टूबर को बीड में अंबेजोगाई में पंकजा ने शिवसेना को इसके प्रस्ताव के लिए धन्यवाद दिया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने फैसले लेने में सक्षम हैं।