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- गाड़ी रजिस्ट्रेशन के साथ बदले पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के रूल्स....
Posted by : achhiduniya
24 October 2020
केंद्र सरकार ने वाहन रजिस्ट्रेशन से संबंधित
नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब वाहनों
के रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट में आपको मालिकाना हक या स्वामित्व की जानकारी विस्तृत
रूप से देनी होगी। अब ये नया नियम लागू कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने मोटर वाहन
नियमों में बदलाव कर इसे अधिसूचित कर दिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
की ओर से जारी किए गए एक बयान
में कहा गया है कि,हमने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के फॉर्म 20 में परिवर्तन के लिये 22 अक्टूबर 2020 को नोटिफिकेशन जारी किया है,ताकि वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय स्वामित्व का विवरण स्पष्ट रूप से दर्ज किया सके। यह नियम दिव्यांगजन के लिये विशेष लाभदायक माना जा रहा है। मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि अब डॉक्यूमेंट में स्वायत्त निकाय, केंद्र सरकार, धर्मार्थ ट्रस्ट, ड्राइविंग प्रशिक्षण स्कूल, दिव्यांगजन, शैक्षणिक संस्थान, स्थानीय प्राधिकरण, पुलिस विभाग जैसी श्रेणियों के तहत स्वामित्व विवरणों का साफ जिक्र किया जाएगा। वहीं सितंबर
2019 में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री मंत्रालय ने नियमों में बदलाव करते हुए जुर्माने की रकम को दस गुना तक बढ़ा दिया है,अगर आपके पास अपनी गाड़ी का वैलिड पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट नहीं है तो आपको अगली बार सड़क पर आने पर 10,000 रुपये का जुर्माना देने के लिए तैयार रहना होगा। पिछले साल केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री मंत्रालय ने नियमों में बदलाव करते हुए जुर्माने की रकम को दस गुना तक बढ़ा दिया है। पहले पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर मात्र एक हजार रुपये का जुर्माना देना होता था, लेकिन सरकार ने इसे बढ़ा कर 10,000 रुपये कर दिया है। पीयूसी
सर्टिफिकेट वाहन मालिक को तब मिलता है जब गाड़ी प्रदूषण कंट्रोल मानकों पर खरा उतरता है। इस सर्टिफिकेट की मदद से पता चलता है कि वाहन का प्रदूषण नियमों के अनुसार है। इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं है। सभी वाहनों को मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल करना जरूरी है। नई गाड़ी के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं होती है। वाहन के रजिस्ट्रेशन के एक साल के बाद पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत पड़ती है। इसे समय-समय पर री-न्यू कराना पड़ता है।