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- वोटिंग के बाद कहां जाते हैं बैलेट बॉक्स और EVM मशीन+ कैसे होती है गिनती ?
Posted by : achhiduniya
01 October 2020
लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनावों आप वोट
डालते हैं। सबकी निगाहें इस पर हैं कि इन चुनावों में हार-जीत किसकी होने वाली है।
किसकी सरकार बनेगी। वोटों की गिनती जो इन परिणामों को जाहिर करती है। ये प्रक्रिया
भी कोई छोटी मोटी नहीं होती बल्कि खासी अहम है। इसे भी हर मतदाता और नागरिक को
जानना चाहिए। जैसे ही वोटिंग की समय-सीमा खत्म होती है, वोटिंग स्टेशन
अधिकारी EVM को पैक या बैलेट मशीन को सील कर देते हैं। चूंकि हाल ही के चुनावों में EVM मशीन का प्रयोग हुआ था,इसीलिए हम ये पूरा तरीका EVM मशीनों के सन्दर्भ में भी समझाएंगे। वोटिंग के बाद EVM मशीनें और बैलेट बॉक्सों को बहुत हिफाजत से बंद गाड़ियों में सुरक्षाकर्मियों के साथ काउंटिंग बूथ ले जाया जाता है। वहां पहुंचकर एक बार फिर उनकी सील और संख्या की जांच की जाती है। वोटों की गिनती होने तक ये EVM मशीनें और बैलेट बॉक्स गार्ड्स की सुरक्षा में
रखे जाते हैं। निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के अंतर्गत वोटों की गिनती को लेकर बहुत से नियम हैं। नियम 51- वोटों की गिनती का समय और स्थान:- वोटों की गिनती का समय और स्थान निर्वाचन अधिकारी ही तय करता है। यह निर्णय वोटिंग वाले दिन से कम से कम एक हफ्ते पहले सभी उम्मीदवारों और उनके एजेंट्स को लिखित में देना होगा। नियम 52- गिनती करने वाले एजेंट्स की नियुक्ति:- भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार एक उम्मीदवार अपने नीचे एजेंट्स की नियुक्ति कर सकता है। एक स्थान पर 16 एजेंट्स की नियुक्त किए जा सकते हैं। नियम 53- गिनती
बूथ पर उपस्थिति:- जहां वोटों की गिनती होती है वहां निर्वाचन अधिकारी, गिनती करने वाला स्टाफ, उम्मीदवार, उसके एजेंट और चुनाव आयोग द्वारा प्रमाणित सरकारी कर्मचारी ही उपस्थित रह सकते हैं। नियम 54- वोटिंग की गोपनीयता:- निर्वाचन अधिकारी को वोटों की गिनती शुरू होने से पहले काउंटिंग बूथ पर उपस्थित सभी लोगों को वोटों की गोपनीयता के बारे में जानकारी देना आवश्यक है। नियम 55C- गिनती से पहले EVM की जांच:- गिनती करने वाला स्टाफ और
गिनती करने वाले एजेंटों के लिए यह अनिवार्य है कि वोटों की गिनती शुरू करने से पहले वो जांच लें कि किसी भी EVM मशीन में कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है और सभी बैलेट बॉक्सों की सीलें सुरक्षित हैं। यदि किसी भी किस्म का की हस्तक्षेप पाया जाता है तो तुरंत चुनाव आयोग को सूचित करना आवश्यक है। कैसा होता है वो हॉल जहां वोटों की गिनती होती है:- वोटों की गिनती के लिए अधिकतर किसी स्कूल, कम्युनिटी सेंटर या जिला कार्यालय का ऑफिस चुना जाता है। ये वो जगहें होती हैं जहां टेबल कुर्सियों की व्यवस्था आसानी की करवाई जा सकती है। एक हॉल में अधिकतम 14
टेबल लगवाए जाते हैं। उम्मीदवारों के एजेंट उस हॉल में इसलिए मौजूद होते हैं ताकि इस बात पर नजर रख सकें कि उनके उम्मीदवार के वोट गिनने में कोई कोताही तो नहीं बरती जा रही है। ये एजेंट निर्वाचन अधिकारी के साथ बैठते हैं। यह ध्यान रखा जाता है कि हर गिनती टेबल को लकड़ी के फट्टों से अच्छी तरह ढककर रखा जाए ताकि हर एजेंट को गिनती करना कर्मचारी तो दिखता रहे,लेकिन EVM या बैलेट बॉक्स के भीतर किसी की नजर ना पड़ सके। हर टेबल पर क्या-क्या उपलब्ध होता है:- गिनती किये जाने वाले हर टेबल पर 1 नीली इंक वाला बॉल पॉइंट पेन,एक चाकू जिससे सील काटी जा
सके, फॉर्म17C का पार्ट 2 होना अनिवार्य है। इसके साथ ही अतिरिक्त गिनती स्टाफ / माइक्रो
पर्यवेक्षक और NOTA द्वारा सुरक्षित वोटों की रिकॉर्डिंग के
लिए प्रोफार्मा भी हर टेबल पर पहले से ही रखा जाता है। हर टेबल पर एक-एक
लाउडस्पीकर होता है जिस पर स्थानीय वोटों के रुझान की घोषणा होती रहती है। इसके
अलावा हर टेबल को एक अतिरिक्त स्टाफ भी दिया जाता है जो EVM को
सील और दूसरे दस्तावेजों को लिफाफों में रख सके। क्या वोटों की गिनती के दौरान
कैमरे का प्रयोग किया जा सकता है:- जहां वोटों की गिनती हो रही हो,वहां सिर्फ आधिकारिक व्यक्ति द्वारा पूरे हॉल की वीडियो
रिकॉर्डिंग की
जाती है। इसके अलावा वहां कोई भी व्यक्ति ना तो फोटो खींच सकता है ना ही वीडियो
बना सकता है। मीडियाकर्मियों को भी वहां जाने की अनुमति नहीं होती। कई बार कुछ मीडिया वालों को पास के जरिए वहां
जाने की अनुमति मिल जाती है,लेकिन एक निर्धारित रेखा से आगे
जाने की इजाजत उन्हें भी नहीं होती। किसी भी कीमत पर EVM को
कैमरे में कैद नहीं किया जा सकता। नियम 54A के मुताबिक,
जब भी पोस्टल बैलेट और EVM दोनों के जरिए
वोटिंग होती है, हमेशा पोस्टल बैलेट पहले गिने जाते हैं।
किसी भी कीमत पर पोस्टल बैलेट पहले ही राउंड में गिने जाते हैं। EVM के वोटों की गिनती पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होने के 30 मिनट बाद शुरू
होती है। भले ही 30 मिनट में पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी नहीं हुई हो,लेकिन इससे अधिक रुकने की अनुमति नहीं होती।