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- लॉकडाउन लगाने पर आपस में भिड़ी महाविकास आघाड़ी उद्धव ठाकरे सरकार....
स्वास्थ्य विभाग के सीनियर अफसरों और कोविड टास्क फोर्स के साथ बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे ने लॉकडाउन जैसी पाबंदियों का रोड मैप तैयार करने को का आदेश अधिकारियों को दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लोग लगातार लापरवाही जारी रखेंगे तो मजबूरी में इन पाबंदियों को लगाना पड़ेगा। बैठक में संकेत दिया गया कि अगर संक्रमण रोकने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन
नहीं किया गया, तो संपूर्ण राज्य में दोबारा लॉकडाउन लगाया जाएगा। उन्होंने मंत्रालय सहित सरकारी कार्यालयों में आम लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया और 50 फीसदी कर्मचारी बुलाने का सख्ती से पालन नहीं करने पर निजी कार्यालयों और प्रतिष्ठानों को लॉकडाउन के लिए तैयार रहने को कहा। मुख्यमंत्री के लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाने के प्लान पर एनसीपी ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। उद्धव सरकार में मंत्री और सीनियर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, हम लॉकडाउन जैसा
जोखिम लेने की स्थिति में नहीं हैं। हमने मुख्यमंत्री से अन्य विकल्पों पर विचार करने को कहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उन्होंने अधिकारियों से लॉकडाउन के लिए तैयार रहने को कहा है, मगर इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन टाला नहीं जा सकता। अगर लोग नियम मानते हैं, तो इससे बचा जा सकता है। वहीं बीजेपी ने भी लॉकडाउन लगाने का विरोध करने का निर्णय लिया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का कहना है कि राज्य सरकार आम जनता को एक रुपये का भी पैकेज नहीं दे रही है, लेकिन कोरोना को नियंत्रण के नाम पर लॉकडाउन लगाना चाहती है, तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि मातोश्री में बैठकर लॉकडाउन से आम लोगों को होने वाली परेशानी कैसे पता चलेगी? सीनियर अफसरों और कोविड टास्क फोर्स के साथ बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट निर्देश दिया कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था को खराब होने बचाएं, लेकिन ऐसे कई कारक अभी भी हैं, जो जारी दिशा-निर्देशों का न तो ठीक से पालन कर रहे हैं और न ही इसे गंभीरता से ले रहे हैं। निजी कार्यालयों से अभी भी उपस्थिति नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।