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बिना FIR के कोर्ट जांच का आदेश कैसे दे सकती है?..पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा दायर PIL पर बॉम्बे हाई कोर्ट का सवाल..
Posted by : achhiduniya
31 March 2021
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की दायर जनहित याचिका (PIL) पर बॉम्बे
हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सीनियर काउंसिल विक्रम ननकानी पूर्व कमिश्नर परमबीर
सिंह की ओर से पेश हुए। इस दौरान ननकानी मे कोर्ट में पत्र पढ़कर सुनाया और कहा कि
जो पत्र लिखा है उसमे कठोर सत्य है। विक्रम ननकानी ने कहा कि ये पत्र बताता है कि
पुलिस फोर्स किस दबाव में काम कर रहा है और कितना राजनैतिक हस्तक्षेप है। दूसरा
उदाहरण सांसद मोहन डेलकर की खुदकुशी मामले का है। विक्रम ननकानी ने कहा कि ये कठोर
सत्य है। एक अनुभवी अफसर ने ये बातें रखी है। उन्होंने कमिश्नर ऑफ इंटेलिजेंस
रश्मी शुक्ला की रिपोर्ट का जिक्र किया। वहीं,चीफ जस्टिस ने पूछा, बिना FIR के कोर्ट जांच का आदेश कैसे दे सकती है? तरीका यही है कि पहले कंप्लेंट हो,उसके बाद ही CBI
को जाँच दी जा सकती है। बिना
किसी जांच एजेंसी को शिकायत दिये जांच किस आधार पर हो। ये एक लीगल मसला है। कोर्ट
ने पूछा कि FIR
फाइल करने से आपको कौन रोकता है? विक्रम ननकानी का कहना है कि ये पेटीशन ट्रांसफर से जुड़ी नहीं
है और इस बात के लिए वो कोर्ट को बताना चाहते हैं कि ये PIL क्यों मेन्टेनबल है। चीफ जस्टिस ने कहा, एफआईआर के बिना जांच नहीं हो सकती। विक्रम ननकानी ने कहा कि
अदालत ने कई बार इस प्रक्रिया से गुजरने लायक नहीं पाया।
ननकानी ने ललिता कुमारी
मामले का हवाला दिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको एफआईआर के माध्यम से पुलिस और
जांच एजेंसी से संपर्क करना होगा। क्या बिना एफआईआर के सीधे जांच हो सकती है? न्यायाधीश ने दिखाने के लिए औचित्य के लिए कहा और प्रार्थना को
बनाए रखने के लिए औचित्य देने के लिए कहता है। विक्रम ननकानी ने कहा कि यह
ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित है, यह मुझे
नहीं, बल्कि कमिश्नर ऑफ इंटेलिजेंस से आता है और उसने लगभग 6 महीने
पहले
सचिव को रिपोर्ट दर्ज की थी। यह एक सतत समस्या है जो दिन और दिन में होती है।
चीफ जस्टिस ने पूरा क्या सेवा संबंधी शिकायतों के लिए एक जनहित याचिका का उल्लेख
किया जा सकता है? चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर आप हमसे कोई अंतरिम
राहत चाहते हैं तो आपको हमें इन बिंदुओं पर संतुष्ट करना होगा। विक्रम नानकानी ने
कहा कि इस याचिका का स्थानांतरण आदेश से कोई लेना-देना नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा
कि यदि राज्य सरकार सहमति नहीं देती है, तो क्या
HC के पास
इसे CBI को सौंपने की शक्ति है? पहले के मामले में यह संवैधानिक पीठ के पास गया था। आप हमें एक
निर्णय दिखाएं जो कहता है कि यदि कोई एफआईआर नहीं है तो भी HC एफआईआर और फिर प्रत्यक्ष जांच कार सकता है। हमें वह हिस्सा
दिखाएं जो कहता है कि हम एक एफआईआर को निर्देशित कर सकते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा
कि क्या आप हमें एक शिकायत दिखा सकते हैं जो आप से सीधे डिमांड की गई हो? कल कोई भी यहां खड़ा चीफ जस्टिस पर आरोप लगा सकता है क्या हम
किसी की सुनी सुनाई बात पर भरोसा कर सकते हैं? विक्रम
ननकानी ने कहा सर, ये सब
अफसर हैं। चीफ जस्टिस ने पूछा क्या किसी ने
शपथपत्र दिया है? विक्रम ननकानी बोले सांसद डेलकर का मामले में
सीधे बात हुई है। जज ने कहा कि संजय पाटिल का कोई हलफनामा नहीं है,तो भी आपने जो भी कहा है उसे सही मानते हुए, क्या आप कानून के सिद्धांत का समर्थन करते हैं कि किसी एफआईआर
के बिना जांच नहीं हो सकती। जज ने कहा कि हम ललित कुमारी से पढ़ रहे हैं।