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- घर पर करें 45 मिनट की प्रोन पोजीशन वेंटिलेशन जिससे लंग्स में आक्सीजन आसानी से पहुंचती है..
Posted by : achhiduniya
14 September 2021
सांस लेने में तकलीफ होने पर इस अवस्था में 40-45 मिनट लेटकर ऑक्सीजन लेवल
बढ़ जाता है। ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए पेट के बल लेट जाए। डॉक्टरों ने कोरोना काल
में सांस लेने में दिक्कत आने वाले मरीजों के लिए तकनीक को जरूर आजमाने की सलाह दी
है प्रोन पॉजिशन एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम में इस्तेमाल की जाती है।
एआरडीएस होने से फेफड़ों के निचले हिस्से में पानी आ जाता है। पीठ के बल लेटने से
फेफड़ों के निचले हिस्से की एल्क्यिोलाई में खून तो पहुंच जाता है, लेकिन पानी की वजह से ऑक्सीजन
व कार्बन डाइआक्साइड को
निकालने के प्रोसेस में दिक्कत होती है। ऐसे हालात में ठीक तरीके से ऑक्सीजन नहीं
होने पर ‘प्रोन वेंटिलेशन’ दिया जाता
है। यानी मरीज को पेट के बल लिटा दिया जाता है। गर्दन के नीचे एक तकिया, पेट-घुटनों के नीचे दो तकिए लगाते हैं और पंजों के नीचे एक हर 6 से 8 घंटे
में 40 से 45 मिनट तक ऐसा करने से मरीज को फायदा मिलता है। साधारण शब्दों में पेट
के बल लिटाकर हाथों को कमर के पास पैरलल में रख सकते है। इस अवस्था में फेफड़ों में
खून का संचार अच्छा होने लगता है। फेफड़ों में मौजूद फ्लूड इधर-उधर हो जाता है,
जिससे लंग्स में आक्सीजन आसानी से पहुंचती रहती है।
आक्सीजन का लेवल
गिरता भी नहीं है और लेवल में रहती है। प्रोन पोजीशन वेंटिलेशन सुरक्षित और खून
में आक्सीजन लेवल बिगड़ने पर नियंत्रण में मददगार है। बीमारी के कारण मृत्यु दर को
कम करने में काफी सहायक है। आईसीयू में भर्ती मरीजों में अच्छे परिणाम मिलते हैं। मरीजों
के लिए प्रोन पोजीशन आक्सीजनेशन तकनीक 80 प्रतिशत तक कारगर है। हर चिकित्सा
प्रणाली के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने प्रोन पोजिशन को अस्पतालों में भर्ती कोरोना
मरीजों के लिए ‘संजीवनी’ बताया है।