- Back to Home »
- Property / Investment »
- पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने पर GST काउंसिल की बैठक में मंथन संभव...
Posted by : achhiduniya
14 September 2021
जीएसटी काउंसिल की इस 45वीं बैठक में कोविड-19 से संबंधित
आवश्यक सामान पर रियायती दरों की समीक्षा हो सकती है। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल
नवीकरणीय उपकरणों पर 12 फीसदी और लौह, तांबा
के अलावा अन्य धातु अयस्कों पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने पर विचार करेगा। पेट्रोल और
डीजल को सरकार GST के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो
पेट्रोल और डीजल की कीमत में बड़ी कटौती हो सकती है। सूत्रों की मानें तो आगामी 17 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर मंथन की
संभावना है। हालांकि, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के
दायरे में लाना इतना आसान भी नहीं होगा। दरअसल, जीएसटी
प्रणाली में किसी भी बदलाव के लिए पैनल के तीन-चौथाई लोगों की मंजूरी जरूरी है। इस
पैनल में सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इनमें से कुछ ईंधन को जीएसटी के
दायरे में लाने का विरोध कर रहे हैं। इनका मानना है कि पेट्रोल और डीजल
के जीएसटी
दायरे में आने के बाद राजस्व का एक अहम हथियार राज्यों के हाथों से निकल जाएगा। जीएसटी
काउंसिल की 12
जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक हुई
थी। इसमें कोविड-19 से संबंधित सामग्री पर कर की दरों को 30 सितंबर तक के लिए घटाया गया था। कोविड-19 की दवाओं रेमडेसिवीर, टोसिलिजुमैब
के अलावा मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की
दरों में कटौती की गई थी।