- Back to Home »
- Knowledge / Science »
- शोर के बाद भी कार में बैठते ही या ट्रेन के चलते ही नींद क्यो आने लगती है...?
Posted by : achhiduniya
08 November 2021
जब हम कहीं बाहर जाते थे तो कार में बैठते ही या ट्रेन के चलते ही
उन्हें नींद आने लगती है। उस वक्त बेड भी नहीं मिलता, अच्छा अंधेरा भी नहीं रहता और गाड़ी-ट्रेन इतनी हिलती रहती है, फिर भी नींद आ जाती है। कार या ट्रेन यानी हिलते स्थान पर नींद
आने के कई कारण हैं। कई लोगों का मानना है कि जब आप सफर में रहते हैं तो आपके
दिमाग शांत रहता है और दिमाग शांत की वजह से
आपको नींद आ जाती है। साथ ही कहा जाता
है कि हवा लगने से अच्छी नींद आती है,लेकिन यह रॉकिंग सेंसेशन की वजह से होता है। रॉकिंग सेंसेशन की वजह से
बच्चे को पालने में झूलते हुए नींद आ जाती है। जब बच्चे को नींद नहीं आती है तो
उसे गोद में लेकर हिलाया जाता है, जिससे उसे नींद आ जाती है। ऐसी
ही जब आपकी बॉडी एक थोड़ी थोड़ी हिलती है तो आपको नींद आना शुरू हो जाती है। हिलने
पर क्यों आती है नींद?- जब आप हल्के हल्के एक ही फ्लो
में हिलते रहते हैं तो उसे
रॉकिंग सेंसेशन कहा जाता है। इससे आपके दिमाग पर
सिक्रोनाइजिंग इफेक्ट पड़ता है और आप धीरे-धीरे स्लिपिंग मोड में चले जाते हैं। इसे
स्लो रॉकिंग भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इससे दिमाग में सोने के लिए इच्छा
उत्पन्न होने लगती है और धीरे धीरे नींद आ जाती है.। साथ ही एक रिसर्च में अलग अलग
तरह के बेड पर लोगों को सुलाया गया था, जिसमें
सामने आया था झूले की तरह हिलने वाले बेड पर जल्दी नींद आ गई थी।