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- मास्क फ्री किए बिना देश को कोरोना से मुक्ति नही स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ...
Posted by : achhiduniya
12 February 2022
स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ और वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. अंशुमान
कुमार ने बताया कि अब समय आ गया है कि देश को मास्क
फ्री
किया जाए। इससे यह फायदा होगा कि जिन लोगों को
अभी कोरोना नहीं हुआ है। वह इससे संक्रमित होंगे और उनमें इम्यूनिटी बन जाएगी। ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होने पर भी लोगों में
हल्के लक्षण ही होंगे। इससे पॉजिटिव होने पर उनमें एंटीबॉडी बन जाएगी और उनको खतरा
भी नहीं होगा। जब सभी लोग संक्रमित हो जाएंगे तो देशभर में कोरोना के खिलाफ
एंटीबॉडी बन जाएगी। जो एक नेचुरल
इम्यूनिटी का काम
करेगी। इससे यह फायदा होगा कि अगर आने वाले समय में कोई खतरनाक वैरिएंट आता भी है
तो उसका ज्यादा असर नहीं होगा। ऐसे में भविष्य में संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा और
यह महामारी धीरे-धीरे एंडेमिक बन जाएगी। डॉ. के मुताबिक, दुनियाभर में कोरोना महामारी को आए दो साल से अधिक समय बीत चुका
है। समय के साथ-साथ महामारी का दायरा भी सिकुड़ रहा है। देश में डेल्टा वैरिएंट के दौरान कोरोना ने कहर बरपाया था। उस दौरान मास्क
लगाना बहुत
जरूरी थी। अगर डेल्टा के बाद भी कोई खतरनाक वैरिएंट आता तो अब भी मास्क का महत्व
था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब मास्क को पहनने की अनिवार्यता को खत्म
किया जाना चाहिए। मास्क हटाने से वायरस फैलेगा, जिससे
बुजुर्गों और कोमोरबिडिटी वालों
को खतरा हो सकता है। इस सवाल के जवाब में डॉ. अंशुमान ने कहा कि इस लहर में
बुजुर्ग और कोमोरबिडीटी वाले लोग भी बड़ी संख्या में संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे
में अब आने वाले समय में अगर उनको कोरोना होता भी हैं तो उनमें लक्षण गंभीर नहीं
होंगे। डॉ. के मुताबिक, कोरोना से संक्रमित होने पर
खतरा नहीं है। बस व्यक्ति में
वायरल लोड अधिक
नहीं होना चाहिए। ज्यादा भीड़ वाले इलाकों में जाने से अगर संक्रमण होता है तो
शरीर में वायरल लोड अधिक हो जाता है। इसलिए बुजुर्ग या कोमोरबिडीटी वाले लोगों को
अधिक भीड़ वाले इलाकों में जाने से बचना होगा। यह लोग मास्क नहीं भी लगाएं तो कोई
दिक्कत नहीं है। बस जरूरी कि भीड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। डॉ. ने कहा कि
देश में डेल्टा के बाद ओमिक्रॉन वैरिएंट आया। जिसमें
हमने देखा की वायरस की क्षमता काफी कम हो गई। इससे
संक्रमित होने वाले लोगों में
सामान्य खांसी-जुकाम के लक्षण मिले थे। हॉस्पिटलाइजेशन भी उन लोगों का हुआ
जिन्होंने या तो वैक्सीन नहीं ली थी या जो लोग बुजुर्ग थे व किसी गंभीर बीमारी से
जूझ रहे थे। इन लोगों को भी इनकी बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती किया गया था।
इनमें हॉस्पिटलाइजेशन की वजह सिर्फ कोरोना नहीं था। ऐसे में अब ओमिक्रॉन के बाद हम
यह मान सकते हैं कि कोरोना महामारी खतरनाक नहीं रह गई है। यह एक सामान्य फ्लू की
तरह ही बन गई है। यह एक ऐसी बीमारी हो गई है जो अब हमारे बीच ही रहेगी, लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं करेगी। ऐसे में मास्क लगाने का कोई
औचित्य नहीं है।