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- कॉमेडी या क्रिकेट कमेंट्री...अब कहा जाएंगे नवजोत सिंह सिद्धू...?
Posted by : achhiduniya
17 March 2022
पंजाब चुनावों में कांग्रेस की बुरी तरह पराजय के लिए एक तब का नवजोत सिंह
सिद्धू को सीधे तौर पर दोषी मान रहा है। उसका कहना है कि बतौर पंजाब कांग्रेस
अध्यक्ष सिद्धू का नौ महीने का कार्यकाल अंदरूनी लड़ाई झगड़े में और अपना कद ऊंचा
दिखाने में ही निकल गया। पहले तो उनका तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से टकराव
हुआ। उसके बाद वह अमरिंदर की कुर्सी गिराने में जुट गए। इसमें वह कामयाब भी हुए,लेकिन अमरिंदर की जगह जो चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के सीएम
की गद्दी पर बैठे,उनसे भी सिद्धू की नहीं पटी।सिद्धू अपने तरीके
से कामकाज चलाना चाहते थे। अपने डिप्टी और विश्वसनीय नौकरशाहों के हाथ में पूरी
कमान चाहते थे,लेकिन चन्नी के रहते ये संभव नहीं हुआ। 2004
में बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव में उतरकर राजनीतिक पारी शुरू करने वाले नवजोत
सिंह सिद्धू इससे पहले क्रिकेट की दुनिया में सक्रिय थे,लेकिन
पाकिस्तान में कमेंट्री के बाद से उनके राजनीतिक करियर ने हिचकोले लेना शुरू कर
दिया था बाद में वह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए। कांग्रेस ने उन्हें
पंजाब
कांग्रेस की जिम्मेदारी दी,लेकिन चुनाव में कांग्रेस की
शर्मिंदगी भरी हार का कलंक उनके माथे लग गया। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कांग्रेस
की बुरी हार के लिए पूर्व मंत्री त्रिपत राजिंदर सिंह बाजवा तो सीधे तौर पर सिद्धू
को जिम्मेदार ठहराते हैं। वह कहते हैं कि पार्टी में अनुशासनहीनता और आपसी फूट
सिद्धू की वजह से ही शुरू हुई। डेरा बाबा नानक से विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम
सुखजिंदर सिंह रंधावा भी संकेतों में ऐसी ही बात कहते हैं। खडूर साहिब से
कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल हार के लिए पार्टी नेताओं के अहंकार और अभिमान को दोषी मानते
हैं। राजनीतिक विश्लेषक मनोहर लाल शर्मा कहते हैं कि सिद्धू के लिए राजनीति में अब
सुनहरे भविष्य की उम्मीद करना बेमानी होगा। पूर्व मुख्यमंत्री हरचरण सिंह बराड़ के
सलाहकार रह चुके शर्मा का मानना है कि कांग्रेस अब सिद्धू को किसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
देने से बचना चाहेगी। दूसरे दलों में भी फिलहाल उनके लिए जगह नहीं दिखती। ऐसे में
सिद्धू अब फिर से शो बिजनेस में वापसी कर सकते हैं या फिर क्रिकेट कमेंट्री के
मैदान में लौट सकते हैं।