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- किसानों से आधा-अधूरा समझौता कर उन्हें धरने से उठा दिया.... केंद्र पर बरसे राज्यपाल सत्यपाल मलिक
Posted by : achhiduniya
07 March 2022
किसान आंदोलन के लिए एक बार फिर केंद्र सरकार और उसके नेताओं की
तीखी आलोचना करते हुए मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानों से आह्वान किया
कि वे सत्ता बदलने और किसानों की सरकार बनाने के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि
वह राज्यपाल के पद पर उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद खुद देशभर का दौरा कर
किसानों को एकजुट करेंगे। मलिक का कहना था कि सरकार ने किसानों से आधा-अधूरा
समझौता कर उन्हें धरने से उठा दिया, लेकिन
मामला जस का तस है। राज्यपाल ने आरोप लगाय
कि प्रधानमंत्री के एक दोस्त पानीपत में
50 एकड़ क्षेत्र में गोदाम बनाकर सस्ते भाव में गेहूं खरीदने का
सपना पाले हुए हैं। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक गांव कंडेला में आयोजित
कंडेला खाप एवं माजरा खाप द्वारा आयोजित किसान सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे
थे। मलिक ने यह भी खुलासा किया कि उनके कुछ मित्रों ने सलाह दी थी कि वह
उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति बन सकते हैं, इसलिए
उन्हें चुप रहना चाहिए,लेकिन मलिक के अनुसार, मैंने उन्हें कहा कि मैं इन पदों की परवाह नहीं करता। उन्होंने
यह भी कहा कि उनके लिए राज्यपाल का पद महत्वपूर्ण नहीं है। उन्होंने किसानों से
आह्वान किया कि वे
सत्ता बदलने के लिए एकजुट हों और दिल्ली में स्वयं की सरकार
बनाएं ताकि उन्हें किसी से कुछ न मांगना पड़े बल्कि लोग उनसे मांगे। मलिक ने क्षोभ
व्यक्त करते हुए कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री का आवास (किसानों के धरना स्थल से)
मात्र दस किलोमीटर दूर था, और एक साल से अधिक समय तक चले
उनके आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में किसानों की जान गई। मलिक ने कहा लेकिन सरकार
की तरफ से कोई संवेदना प्रकट करने नहीं आया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी उसूलों से
समझौता नहीं किया और
अपने पद की परवाह किए बगैर किसानों की आवाज को उठाया। पिछले
साल 26 जनवरी को कथित आंदोलनाकरियों द्वारा दिल्ली के ऐतिहासिक लाल
किले पर निशान साहिब का झंडा फहराए जाने को सही ठहराते हुए मलिक ने कहा कि वह
फैसला गलत नहीं था। उन्होंने कहा कि जिस निशान साहिब को फहराया गया, वह किसानों का हक था। मलिक ने अनुच्छेद 370 के बारे में कहा कि जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने का निर्णय लिया तो
राजनीतिक बवाल मच गया था। उन्होंने
कहा कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने खून की नदियां बहने की बात कही, तो वहीं नेश्नल कॉन्फ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि देश
का झंडा कोई नहीं उठाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करके जिन नेताओं को जेल में डाला गया, प्रधानमंत्री ने उन्हें रिहा करवाकर चाय पिलाई। उत्तर प्रदेश
में हो रहे विधानसभा चुनाव के बारे में मलिक ने कहा कि अभी नतीजे तो नहीं आए हैं, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी भी मंत्री को नहीं घुसने
दिया गया।