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- बच्चो में पनपते असुरक्षाभाव व गिरते आत्मविश्वास को कैसे रोके...?
Posted by : achhiduniya
07 March 2022
ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चे की तुलना उसके साथ के बाकी
बच्चों के साथ करते हैं। फिर चाहे पढ़ने लिखने की बात हो या फिर कुछ नया सीखने की, ऐसा बिल्कुल न करें। माता-पिता का ऐसा व्यवहार बच्चों में
ईर्ष्या की भावना उत्पन्न कर सकता है। माता-पिता की ओर से दूसरे बच्चों की तारीफ करने पर उन बच्चों से चिढ़ने लगते
हैं। क्या आप जानते हैं ये दोनों ही बातें बच्चों में ईर्ष्या की भावना पैदा होने
की निशानी है।
एक रिसर्च के अनुसार, 5 साल तक की उम्र के लगभग 40 लाख बच्चे अपने भाई-बहन को अपना
प्रतिद्वंदी मानते हैं। स्कूल के साथ ऐसे बच्चे घर पर भी अपने आपको बेहतर साबित
करने के प्रयास में लगे रहते हैं। जिसकी वजह से उनके बीच
ईर्ष्या की भावना या
लड़ाई-झगड़े हो सकते हैं। माता-पिता का ओवर प्रोटेक्टिंग नेचर बच्चे के
आत्मविश्वास को गलत तरह से प्रभावित कर सकता है। ऐसा बच्चा अपनी सुरक्षा के लिए
हमेशा अपने माता-पिता या किसी दूसरे व्यक्ति पर हमेशा निर्भर रहता है, लेकिन माता-पिता जब दूसरे बच्चे को प्यार करने लगते हैं तो इस
बच्चे के मन में अपनी सुरक्षा खोने का भय उत्पन्न हो सकता है, जो बच्चे में आत्मविश्वास को
गिराने की वजह बन सकता है। कुछ पेरेंट्स अपने बच्चे को नियमों में
बांधकर रखने में ही उनकी भलाई समझते हैं,लेकिन
ऐसे बच्चे भविष्य में खुद को दूसरों बच्चों
से कमजोर समझ सकते हैं। जिससे उनके मन
में बाकी बच्चों के प्रति आत्मग्लानी की भावना आ सकती है। जरूरत से ज्यादा लाड़-प्यार के चलते बच्चा खुद को असुरक्षित महसूस कर सकता है। इस वजह
से उसमें नए बच्चे या उस नए सदस्य के प्रति जलन की भावना उत्पन्न हो सकती है। माता-पिता
को जब भी समय मिले, अपने बच्चों से बात जरूर करें। ऐसा करने से बच्चे
और पेरेंट्स के बीच दोस्ताना व्यवहार बनेगा और बच्चे के मन से ईर्ष्या की भावना
दूर होगी। खेलने से बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य