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- मुफ्त का वादा कर "आप" से आ रही वादा खिलाफी की बू....
Posted by : achhiduniya
25 June 2022
पंजाब की भगवंत मान सरकार
{आम आदमी पार्टी} के श्वेत पत्र में कहा गया, पिछली
सरकार छठे पंजाब वेतन आयोग के लागू होने के मद्देनजर एक जनवरी 2016 से 30 जून 2021
तक संशोधित वेतन के बकाया का भुगतान नहीं कर सकी। अकेले इस मद में बकाया देनदारी
लगभग 13,759 करोड़ रुपये होने की संभावना है। दस्तावेज में कहा गया है,अपनी राजनीतिक किस्मत को उबारने के लिए पिछली सरकार ने अपने
कार्यकाल के आखिरी दिनों में लापरवाह तरीके से खर्च किये। दस्तावेज में कहा गया कि
राज्य का बकाया कर्ज 1980-81 में 1,009
करोड़ रुपये था, जो 2011-12 में बढ़कर 83,099 करोड़ रुपये और 2021-22 में 2,63,265 करोड़ रुपये हो गया।
श्वेत
पत्र में कहा गया कि पंजाब को उसका पुराना वैभव वापस लाने के लिए प्रत्यक्ष राजस्व
वृद्धि उपायों के साथ-साथ व्यय प्रतिबद्धताओं पर गंभीरता से पुनर्विचार करने की आवश्यकता
है। आप सरकार ने शनिवार को विधानसभा में राज्य की वित्तीय स्थिति पर पेश किए गए
श्वेत पत्र में दावा किया है कि पंजाब की आर्थिक हालत लगातार खराब होती जा रही है
और इस महीने समाप्त होने वाली जीएसटी मुआवजा व्यवस्था के साथ ही यह पूरी तरह से
धराशायी हो जाएगा। भगवंत मान सरकार के पहले बजट के पेश
होने से ठीक दो दिन पहले सदन में श्वेत पत्र पेश किया गया। श्वेत पत्र में दावा
किया गया कि राज्य कर्ज के जाल में
फंसा है, जहां
पुराने कर्ज को चुकाने के लिए और ज्यादा कर्ज जमा किया जा रहा है, जबकि नए कर्ज का इस्तेमाल राज्य के भविष्य के विकास के लिए किया
जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। जीएसटी मुआवजा व्यवस्था के अंत में
राज्य को इस वर्ष 15,000 करोड़ रुपये की राजस्व कमी होगी और उसके बाद यह
रकम हर साल 21,000 करोड़ रुपये पहुंच जाएगी। दस्तावेज में कहा गया है कि कांग्रेस
के पांच
साल के शासन में राज्य का कर्ज 44.23 फीसदी
बढ़ा है। पंजाब की आर्थिक स्थिति को देखते हुए आप सरकार खुद को मुश्किल स्थिति में
देख रही है, क्योंकि पार्टी ने चुनावों से पहले बड़े-बड़े वादे किए हैं और
उसके लिए पर्याप्त बजट पेश करना होगा, लेकिन
राज्य की वित्तीय हालत ऐसी है कि सरकार कहीं से भी अपने सभी चुनावी वादों को पूरा
करने के लिए सक्षम नहीं है।
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