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Posted by : achhiduniya
18 June 2022
एक समय हार्ट अटैक की समस्या पश्चिमी देशों की
बीमारी हुआ करती थी लेकिन आज के समय में हर देश में स्थिति यह है कि 24 साल के
युवा भी हार्ट अटैक का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं। हार्ट अटैक किसी को भी
कहीं भी और कभी भी आ सकता है। ऐसे में तुरंत इससे बचना संभव नहीं है, लेकिन
हार्ट अटैक आने से करीब महीना भर पहले से ही आपके शरीर में कुछ खास बदलाव होने
लगते हैं या कहिए कि आपका शरीर आपको सचेत करने लगता है। इन लक्षणों को पहचानकर आप
सतर्क होकर हार्ट अटैक की समस्या से बच सकते हैं। हार्ट अटैक आने से महीनाभर पहले
शरीर कई तरह के संकेत देता है। इन्हें समझकर आप इसकी गंभीरता से बच
सकते हैं।
हार्ट अटैक के लक्षण महिलाओं और पुरुषों में एक जैसे होते हैं,लेकिन महिलाओं में इन लक्षणों को पहचानना पुरुषों की अपेक्षा
मुश्किल होता है। हार्टबर्न की समस्या होना, जिसे
लोग आमतौर पर एसिडिटी समझकर अनदेखा कर देते हैं। सांस लेने में तकलीफ होना या कभी
कभी सांस का अटकना,बहुत जल्दी थक जाना। कोई सामान उठाने में या यहां
तक कि बिस्तर से उठने में भी थक जाना। रह
रहकर चक्कर आना। ब्लड प्रेशर अनियंत्रित
रहना। सीने में दर्द होना। मितली आना। धड़कने अनियंत्रित रहना। साइलंट हार्ट अटैक।
सीने में जकड़न महसूस होना, घबराहट होना, सांस लेने में दिक्कत होना और पसीना आना। ये कुछ ऐसे सामान्य
लक्षण हैं,
जिन्हें लोग आम समस्या समझकर अनदेखा कर देते हैं
और कोई पेनकिलर लेकर थोड़ी देर सो जाना या आराम करना पसंद करते हैं,लेकिन यह कोई आम समस्या ना होकर माइल्ड हार्ट अटैक हो सकता है, जिसे
साइलंट हार्ट अटैक के रूप में जाना जाता है। हार्ट अटैक के
जिन लक्षणों को ज्यादातर लोग जानते हैं, जैसे
सीने में तेज दर्द होना, चक्कर खाकर गिर जाना इत्यादि
ये सभी सीवियर अटैक होने पर आने वाले लक्षण होते हैं।# महिलाओं में होता है कंफ्यूजन:- महिलाओं में हार्ट अटैक के
लक्षण पुरुषों की तरह क्लीयर नहीं होते हैं। इसकी वजह है मेनोपोज और हॉर्मोनल
बदलाव के कारण अक्सर नजर आने वाले लक्षण इसलिए महिलाओं में सायलंट हार्ट अटैक और
हॉर्मोनल बदलाव के
लक्षणों को लेकर कंफ्यूजन रहता है। हालांकि महिलाओं में भी
हार्ट अटैक के वही लक्षण होते हैं, जो
पुरुषों में होते हैं,लेकिन जब आपकी धड़कने तेजी से
बढ़ने लगें,
सीने में जकड़न का अनुभव हो और तेज दर्द भी, हॉट फ्लैश की दिक्कत हो, सांस
लेने में समस्या इत्यादि हो रही हो तो आप समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराएं। सिर्फ
मेनोपोज के लक्षण मानकर इन्हें अनदेखा करने की भूल ना करें।