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बुखार की दवा पर फार्मा कंपनी द्वारा डॉक्टरों को 1000 करोड़ के गिफ्ट देने का सुप्रीम कोर्ट के जज ने लिया संज्ञान...
Posted by : achhiduniya
18 August 2022
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान फेडरेशन
ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दावा किया कि फार्मा
कंपनी ने बुखार की दवा डोलो 650mg के लिए
डॉक्टरों को 1000
करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार दिए हैं। एसोसिएशन की
ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय पारिख ने यह बात आझ सुप्रीम कोर्ट में कहा,सेंट्रल बोर्ड फॉर डायरेक्ट टैक्स ने भी डोलो 650 mg पर 1000 करोड़ के मुफ्त उपहार देने का
आरोप लगाया है। 500 mg तक डोलो का बाजार मूल्य विनियमित है,लेकिन 500mg से अधिक की खुराक की कीमत निर्माता की इच्छा पर रखी जा सकती है।
अधिक लाभ सुनिश्चित करने के लिए, डॉक्टरों के बीच 650mg की खुराक निर्धारित
करने के लिए मुफ्त उपहार वितरित किए गए। वकील संजय पारिख ने इसे तर्कहीन खुराक संयोजन
कहा। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने इसे गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने
कहा,आप जो कह रहे हैं वह मेरे कानों के लिए संगीत नहीं है। जब मुझे
कोविड हुआ था तब मुझे भी यही दी गई। ये गंभीर मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र
सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दस दिनों का वक्त दिया है। 11 मार्च 2022 को डॉक्टरों को फ्रीबी यानी
गिफ्ट देने मामले में परीक्षण करने को तैयार हो गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले
में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका में डॉक्टरों को फ्रीबी
देने पर दवा कंपनियों को उत्तरदायी बनाने की मांग की गई है। जस्टिस डीवाई
चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने ये नोटिस जारी किया और केंद्र सरकार से
जवाब मांगा है। दरअसल, याचिका में कहा गया है कि
डॉक्टरों के साथ-साथ भ्रष्टाचार के लिए मुफ्त में देने और प्राप्त करने के लिए दवा
कंपनियों को उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा है कि वर्तमान में केवल
डॉक्टर ही जिम्मेदार हैं जबकि दवा कंपनियों जो रिश्वत देती हैं उन्हें भी समान रूप
से उत्तरदायी माना जाए। सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि देखते हैं
कि केंद्र सरकार इस संबंध में क्या जवाब देती है। केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया
जाता है कि 6
हफ्ते में केंद्र इसका जवाब दाखिल करें।{साभार}

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