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- चुनाव में मुफ्त के वादे- रेवड़ी कल्चर गंभीर मुद्दा...सुप्रीम कोर्ट
Posted by : achhiduniya
13 August 2022
सुप्रीम कोर्ट में लगी याचिका में मांग की गई है कि देश
की राजनीति में चुनाव के दौरान ज्यादातर दल मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त का
वादा करते है, जिन पर बैन लगना चाहिए। इस
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि इलेक्शन के समय राजनैतिक पार्टियों
द्वारा उपहार का वादा और उसे बांटना एक गंभीर विषय का मुद्दा है। जिससे
अर्थव्यवस्था को नुकसान होने की बात की जा रही है। आरएलडी नेता ने अदालत की इस
टिप्पणी को साहसिक तो बताया पर उस पर सही भावना से होना नहीं बताया है। रेवड़ी
कल्चर
को लेकर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने ट्विट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर
निशाना साधा है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में मुफ्त के वादे के लिए राजनीतिक दलों
की मान्यता रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। पीठ ने इसे
अलोकतांत्रिक बताया। सुको ने साफ कहा कि हम विधायी क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं
करेंगे। हालांकि सुको ने ये भी स्पष्ट किया कि मुफ्त की सौगात और सामाजिक
कल्याणकारी योजना अलग अलग चीजें हैं। अर्थव्यवस्था और कल्याणकारी योजनाओं के बीच
बैलेंस
रखना जरूरी है। चौधरी ने सुको द्वारा की गई टिप्पणी को साहसिक बताया,
हालांकि उन्होंने इसे सही भावना से प्रेरित होना नहीं बताया!
पिरामिड के निचले हिस्से को सीधे हस्तक्षेप की आवश्यकता है चाहे वह राशन में हो या
वित्तीय सहायता के माध्यम से। यह जीवन के अधिकार सहित मौलिक अधिकारों के संरक्षण
से संबंधित है। जब पार्टियां घोषणापत्र घोषित किए बिना चुनाव प्रचार शुरू करती हैं,तभी ये
समस्याएं पैदा होती हैं। विशेषज्ञ और सार्वजनिक प्रतिक्रिया पर
आधारित एक घोषणापत्र, समय पर घोषित किया गया ताकि मतदाता
प्रमुख मुद्दों को समझ सकें और वादे लोकतांत्रिक मतदान प्रक्रिया की पवित्रता बनाए
रखने के लिए अभिन्न हैं। सुको में फ्री योजनओं को लेकर एक याचिका लगाई गई है,जिसमें इन फ्री बीज योजनाओं पर चुनाव के दौरान रोक लगाने की मांग की गई
है।
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