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स्मृति ईरानी व उनकी बेटी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री पर गूगल ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कही यह बात...
मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की थी। गूगल ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री वाले वेब लिंक को हटाने के आदेश का अनुपालन किया है और कहा कि भारतीय जनता पार्टी की नेता अन्य यूआरएल प्रदान कर सकती हैं जिन पर कार्रवाई की जाएगी। गूगल के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि ईरानी ने उन्हें केवल एक यूआरएल मुहैया कराया और उसे
निष्क्रिय कर दिया गया है। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने गूगल द्वारा दायर एक अर्जी पर नोटिस जारी किया और ईरानी से जवाब मांगा। गूगल ने 29 जुलाई के आदेश में संशोधन का अनुरोध किया है जिसमें अदालत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को वादी और उनकी बेटी की छेड़छाड़ के जरिए तैयार तस्वीरों के साथ इस तरह की मानहानिकारक सामग्री, वीडियो, पोस्ट, ट्वीट, री-ट्वीट, कैप्शन टैगलाइन को हटाने का निर्देश दिया था। गूगल का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद निगम ने कहा कि जिन यूआरएल को वादी हटवाना
चाहती हैं, उन्हें प्लेटफॉर्म को प्रदान किया जाना चाहिए। निगम के साथ वकील ममता झा ने दलील दी कि गूगल निर्णायक प्राधिकार नहीं है और यह तय नहीं कर सकता कि क्या हटाने की जरूरत है और क्या नहीं तथा वादी उन्हें वेबलिंक देने के लिए बाध्य है और इसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उच्च न्यायालय ने 29 जुलाई को ईरानी के दीवानी मानहानि के मुकदमे पर कांग्रेस के तीन नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को समन जारी किया था और उनसे केंद्रीय मंत्री और उनकीबेटी के खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में ट्वीट और अन्य सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने के लिए भी कहा था। अदालत ने कहा था कि ईरानी और उनकी बेटी विवाद का केंद्र बने गोवा में एक रेस्तरां-सह-बार की मालिक नहीं थीं और न ही उनके पक्ष में कभी लाइसेंस जारी किया गया था। साथ ही अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ तीनों कांग्रेस नेताओं के बयान फर्जी लगते हैं जो दुर्भावनापूर्ण इरादे से दिए गए।
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