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- क्या आप भी होते है ऑफिस में क्वाइट फायरिंग के शिकार...?
Posted by : achhiduniya
18 September 2022
निजी क्षेत्रों में काम करने वाले अधिकांश
एंप्लॉय के जीवन में ऐसा कभी न कभी जरूर आता है। ईमानदार फीडबैक मांगने के बजाय, बॉस कर्मचारी को इस हद तक हतोत्साहित करता है कि वह बुझा-बुझा
सा महसूस करने लगता है और अंततः नौकरी छोड़ देता है। अगर आपको भी लगता है कि आपका
बॉस आपको क्वाइट फायर करने की कोशिश कर रहा है, तो आप इस तरह इसे हैंडल करें। सबसे पहले तो आप यह
जन ले की क्वाइट फायरिंग का सीधा सा मतलब है कि नियोक्ता जान बूझकर आपको आपकी
योग्यता की कमी का एहसास कराता है या आपके कामों को कोई तरजीह नहीं देता। अंततः
इसमें नियोक्ता आपको इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर रहा
होता है। इस स्थिति का सामना करने के लिए सबसे पहला तरीका यह है कि हमेशा
संघर्ष को सीधे हल करना चाहिए। अपने बॉस
से बात करें और उन्हें बताएं कि आप फीड बैक देने के लिए तैयार हैं। यदि आपका बॉस
इससे नजर अंदाज करें तो अपनी बात पहुंचाने के लिए दफ्तर में कई और चैनल हो सकते
हैं। इसके लिए तर्कसंगत बनें और सुनने के लिए खुले दिल से तैयार रहें। इसके लिए
बहस करना जरूरी नहीं है। यदि आपको लगता है कि आपकी जायज बात में प्रबंधन की
दिलचस्पी नहीं है तो कर्मचारी संसाधन
समूहों या यूनियनों में इसे उठा सकते हैं। इससे
आपकी बात को सही अधिकारियों तक पहुंचाने में मदद मिल सकती है। यह आपको शोषण से
बचने के लिए एक कर्मचारी के रूप में अपने अधिकारों को समझने में भी मदद कर सकता है।
अगर बॉस के साथ बातचीत काम नहीं कर रही तो उससे ऊपर जाएं। इस बात की भी आशंका हो
सकती है और आपका बॉस खुद इस स्थिति का सामना कर रहे हों। यही कारण है कि आपका बॉस
आपके फीडबैक पर उस तरह से ध्यान नहीं दे रहे होते हैं जिसके आप हकदार हैं। समस्या
को उनके उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाने से
आपको वे उत्तर मिल सकते हैं जिनकी
आपको आवश्यकता है। यदि आप एक दूरस्थ या हाइब्रिड कर्मचारी हैं, तो अपने नियोक्ता और सहकर्मियों के साथ संबंध दोस्ताना संबंध
स्थापित करना कठिन हो सकता है। अगर अपने व्यवहार से अपने पास के कुछ लोगों से
संबंध अच्छा बना सके जो आपसे प्रभावित हैं, तो यह
कदम आपकी यात्रा को आसान बना सकते हैं न केवल अपने नियोक्ता बल्कि अपने सहकर्मियों
के साथ भी हमेशा तालमेल बनाने की कोशिश करें। जितनी जल्दी हो सके आपको अपनी कंपनी
के प्रोटकॉल को समझ लेना चाहिए। अगर आपको लगता है कि आपके साथ उचित व्यवहार नहीं
किया जा रहा है, तो इसे आघात के तौर पर नहीं देखना चाहिए। जब कोई
बातचीत होती है, तो आपके दिमाग में नए प्रोटोकॉल आपके संदेश को आगे
पहुंचाने में मदद कर सकते हैं।
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