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"विजन 2047" और "पंच प्राण" के कार्यान्वयन के लिए 'राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर' की अध्यक्षता करेंगे..मोदी+शाह
Posted by : achhiduniya
26 October 2022
नई दिल्ली:- केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह 27 और 28
अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के सूरजकुंड में राज्यों के 'गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर' की
अध्यक्षता करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 28 अक्टूबर 2022 को सुबह करीब
साढ़े 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन
शिविर को संबोधित करेंगे। चिंतन शिविर 27 और 28 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित किया जा रहा है। दो
दिवसीय चिंतन शिविर में भाग लेने के लिए सभी राज्यों के गृह मंत्रियों और केंद्र
शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों और प्रशासकों को आमंत्रित किया गया है। चिंतन
शिविर में राज्य के गृह सचिव, पुलिस
महानिदेशक और केंद्रीय
सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के महानिदेशक भी भाग लेंगे। दो
दिवसीय चिंतन शिविर का उद्देश्य प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता
दिवस भाषण में घोषित "विजन 2047" और "पंच प्राण" के
कार्यान्वयन के लिए एक कार्य योजना तैयार करना है। गृह मंत्रियों के सम्मेलन में
साइबर अपराध प्रबंधन के लिए पारिस्थितिकी तंत्र के विकास, पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, आपराधिक
न्याय प्रणाली में आईटी के उपयोग में
वृद्धि, भूमि
सीमा प्रबंधन और तटीय सुरक्षा और अन्य आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 2047
तक विकसित भारत' के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नारी शक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है और महिलाओं की सुरक्षा और उनके लिए एक
सुरक्षित वातावरण बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। सम्मेलन का उद्देश्य उपरोक्त
क्षेत्रों में राष्ट्रीय नीति निर्माण और बेहतर योजना और समन्वय की सुविधा प्रदान
करना भी है। चिंतन शिविर में छह सत्रों में विभिन्न
विषयों पर चर्चा की
जाएगी। सम्मेलन के पहले दिन होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्नि
सुरक्षा और शत्रु संपत्ति जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। दूसरे दिन
साइबर सुरक्षा, नशीले पदार्थों की तस्करी, महिला सुरक्षा और सीमा प्रबंधन जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर
चर्चा होगी,
सम्मेलन में एनडीपीएस अधिनियम, एनसीओआरडी, निदान और नशा मुक्त भारत
अभियान सहित मादक पदार्थों की तस्करी के मुद्दों पर चिंतन की योजना है। भूमि सीमा
प्रबंधन और तटीय सुरक्षा विषयों के तहत सीमाओं की सुरक्षा और सीमावर्ती क्षेत्रों
के विकास पर चर्चा की जाएगी।
आईसीजेएस और सीसीटीएनएस सिस्टम और आईटी मॉड्यूल -
नैफिस, आईटीएसएसओ, और एनडीएसओ और क्रि-मैक का
उपयोग करके प्रौद्योगिकी आधारित जांच द्वारा दोषसिद्धि दर बढ़ाने पर भी
विचार-विमर्श किया जाएगा। सेफ सिटी प्रोजेक्ट, 112-सिंगल
इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम, जिलों में मानव तस्करी रोधी
इकाइयां, पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क और मछुआरों के लिए
बायोमेट्रिक पहचान पत्र जैसी पहलों पर भी चर्चा की जाएगी। विभिन्न विषयों पर सत्र
का उद्देश्य इन मुद्दों पर राज्य सरकारों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और
सुनिश्चित करना है।
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