- Back to Home »
- Knowledge / Science »
- नींद की गोलियां लेना सही या गलत...?
Posted by : achhiduniya
23 October 2022
आज बदलती जीवन शैली में बढ़ते स्ट्रेस और प्रॉपर
नींद लेने के लिए लोग नींद की गोलियों {स्लीपिंग पिल्स} का सहारा लेते हैं। नींद न आने की वजह से लोगों में स्ट्रेस, हार्ट डिजीज और हाई बीपी होने की संभावना बढ़ सकती है। नींद की गोलीयां{स्लीपिंग पिल्स} डॉक्टर
की सलाह पर ही लेना चाहिए लेकिन कई लोग इसे अपनी मर्जी से लेना शुरू कर देते हैं। लंबे
समय तक स्लीपिंग पिल्स लेने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। स्लीपिंग
पिल्स लेना लोगों के रुटीन में शामिल होता जा रहा है। लगातार स्लीपिंग पिल्स
लेने से कई बार
ये गोलियां असर करना बंद कर देती हैं। साथ ही बॉडी क्लॉक में भी
बदलाव आने लगता है। इंसोमेनिया की वजह से नींद में कमी आने लगती है। लगातार स्लीपिंग
पिल्स लेने की वजह से बॉडी क्लॉक में अंतर आने लगता है। डॉक्टर्स अनुसारस्लीपिंग पिल्स के लगातार प्रयोग से ब्रेन
पूरी तरह से आराम नहीं कर पाता। ये एक तरह से ड्रग का काम करती है जिसकी शरीर को
आदत पड़ सकती है। प्रोपर नींद न होने की वजह से इंसोमेनिया हो सकता है। शरीर को जब
स्लीपिंग पिल्स की आदत पड़ जाती है तो इसका असर कम होने
लगता है। स्लीपिंग पिल्स
की वजह से शरीर थका हुआ और तनाव में रहता है। एक भी दिन गोली न लेने पर ब्रेन नींद
के लिए तैयार नहीं होता जिससे पूरे शरीर का फंक्शन बिगड़ सकता है। कई महीनों तक
लगातार स्लीपिंग पिल्स लेने से दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है। स्लीपिंग पिल्स
लेने से याद्दाश्त कमजोर होने लगती है और धीरे-धीरे ब्रेन काम करना बंद कर देता
है। इतना ही नहीं मेमोरी कम होने से अधिक उम्र में अल्जाइमर जैसी बीमारी की
संभावना भी बढ़ जाती है।
.jpg)
.jpg)
.jpg)