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- अनिल देशमुख की रिहाई पर संकट के बादल लग सकती है रोक...
Posted by : achhiduniya
16 October 2022
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल शमुख को
पिछले साल नवंबर में धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार
किया था और वर्तमान में वह आर्थर रोड जेल में बंद हैं। बंबई उच्च न्यायालय ने
पिछले सप्ताह धन शोधन के मामले में पूर्व मंत्री को जमानत दे दी थी, जिसके बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में जमानत के लिए विशेष
सीबीआई अदालत का रुख किया। भ्रष्टाचार के कथित मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
के नेता देशमुख की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि अन्य
मामलों में वाजे की संलिप्तता का वरिष्ठ नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले के
गुण-दोष पर कोई असर नहीं पड़ता। देशमुख ने पिछले हफ्ते विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस
एच ग्वालानी के समक्ष अधिवक्ता अनिकेत निकम और इंद्रपाल सिंह के माध्यम से जमानत
याचिका दायर
की थी। देशमुख ने अपनी याचिका में दावा किया कि मुंबई के पूर्व पुलिस
आयुक्त परमबीर सिंह और बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मी सचिन वाजे ने मिलीभगत से काम किया था और खुद को बचाने के लिए उनके सिर पर ठीकरा फोड़ा।
याचिका में कहा गया है कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि बार मालिकों से अवैध रूप
से पैसे वसूलने वाले वाजे एकमात्र व्यक्ति थे। देशमुख की याचिका में कहा गया है कि
वाजे एंटीलिया बम मामले और ख्वाजा यूनुस की हिरासत में मौत के
मामलों सहित कई
मामलों में आरोपी हैं। सीबीआई ने अपने लिखित जवाब में कहा कि मामले के गवाह सहायक
पुलिस आयुक्त संजय पाटिल ने अपने और परमबीर सिंह के बीच व्हाट्सएप चैट की बात
स्वीकार की है। सीबीआई ने कहा कि इस बातचीत में गृह मंत्री (एचएम सर) का विशेष
संदर्भ था,
और यह एचएम सर और पलांडे (सह-आरोपी) थे जिन्होंने
मुंबई में बार से संग्रह का उल्लेख किया था। जांच एजेंसी ने कहा, इसके अलावा वाजे का इकबालिया बयान भी स्पष्ट रूप से आरोपी नंबर
एक देशमुख के नाम को उस व्यक्ति के रूप में संदर्भित करता है जिसके कहने पर
उन्होंने बार मालिकों से जबरन वसूली की थी। सीबीआई के जवाब में कहा गया, सचिन वाजे को अपराधों की जानकारी थी और उन्हें अपराध करने की पूरी
परिस्थितियों की जानकारी थी।
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