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- किसानो का हल्ला बोल फिर संसद को घेरने की रणनीति बना रहा संयुक्त किसान मोर्चा...
Posted by : achhiduniya
24 December 2022
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी की गई प्रेस
विज्ञप्ति में कहा गया है कि मोर्चा
की राष्ट्रीय बैठक करनाल के गुरुद्वारा डेरा कार सेवा में आज संपन्न हुई। बैठक में 26 जनवरी को जिलों में ट्रैक्टर रैली
निकालकर जिलाधीश को ज्ञापन देने तथा हरियाणा के जींद में विशाल किसान महापंचायत
करने का निर्णय लिया गया। हरियाणा के जींद में 26 जनवरी को विशाल किसान महापंचायत होगी। इसी महापंचायत में संसद
पर किसान मार्च की तारीख का ऐलान होगा। किसान हरियाणा में कृषि उपज पर अतिरिक्त शुल्क
थोपने का विरोध करेंगे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि, संयुक्त किसान मोर्चा केंद्र सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ 26 जनवरी 2021 को किए गए
षडयंत्र और हिंसा
की जानकारी गणतंत्र दिवस पर किसानों को देगा। किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी, सम्पूर्ण कर्जा मुक्ति, 5000 रुपये
प्रति माह किसान पेंशन देने, फसल बीमा राशि दिलाने, कृषि भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने, लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के षड्यंत्रकर्ता केंद्रीय गृह
राज्य मंत्री अजय मिश्रा ट्रेनी के इस्तीफे, दिल्ली
में किसानों पर दर्ज किए गए फर्जी मुकदमों को रद्द करने की मांग के साथ-साथ
स्थानीय मुद्दों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के
किसानों की
कृषि उपज पर अतिरिक्त मंडी शुल्क थोपने तथा केंद्र सरकार द्वारा
इलेक्ट्रिसिटी बिल संसद में पेश करने का विरोध करते हुए इसे किसानों के साथ धोखा
बताया। संयुक्त किसान मोर्चा की मार्गदर्शिका तय करने के लिए 9 फरवरी को कुरुक्षेत्र में बैठक करने का निर्णय लिया गया। संयुक्त
किसान मोर्चा ने देश भर में चल रहे किसान आंदोलनों का समर्थन किया। पंजाब में संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन करने
वाले कलाकारों कंवर ग्रेवाल और रंजीत बाबा के खिलाफ सरकार द्वारा की जा रही छापे
की कार्रवाई की निंदा की गई। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि जिला स्तर पर
किसान संगठन गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र ध्वज फहराने के शासकीय कार्यक्रम के बाद
ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। बैठक में संसद के बजट सत्र के दौरान किसानों के संसद मार्च
निकालने का निर्णय लिया गया। इसकी मार्च माह में तारीख का ऐलान 26 जनवरी को जींद में किया जाएगा। बैठक में सरकारों द्वारा
किसानों के खिलाफ दर्ज किए जा रहे फर्जी मुकदमें वापस लेने तथा पुलिस दमन बंद करने
की मांग की गई। बैठक में पंजाब के किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्रहां, केरल के बीजू कृष्णन, राजस्थान
के रंजीत राजू ,मध्य प्रदेश के डॉ सुनीलम और आंध्र प्रदेश के
राऊला वेंकैया मौजूद थे।
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