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- औरतों को टिकट देना इस्लाम के खिलाफ है,क्या कोई मर्द नहीं हैं..? शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी
Posted by : achhiduniya
06 December 2022
अहमदाबाद की जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर
अहमद सिद्दीकी ने एक बड़ा बयान दे दिया। सिद्दीकी ने चुनावों में मुस्लिम महिलाओं
को टिकट देने पर नाराज़गी जताते हुए इसका साफ़ विरोध किया है। उन्होंने मुस्लिम
महिलाओं को टिकट देना इस्लाम के खिलाफ बताया है। इसके साथ ही इस्लाम को कमजोर की
साजिश करार दिया है, चुनाव के मद्देनज़र दिए गए बयान
में सिद्दीकी ने कहा कि इस्लाम को कमजोर किया जा रहा है। क्या टिकट देने के लिए
कोई मर्द नहीं बचा है? शाही इमाम शब्बीर अहमद
सिद्दीकी ने चुनाव
में महिलाओं को टिकट देने की बात पर कहा- इस्लाम की बात आई है
तो बताना चाहेंगे कि अभी यहां लोग नमाज पढ़ रहे हैं, क्या
आपको नमाज़ पढ़ते हुए एक भी औरत नजर आई? इस्लाम
में सबसे ज्यादा अहमियत नमाज को दी गई है,अगर
औरतों का इस तरह से लोगों के सामने आना इस्लाम में जायज होता तो उन्हें मस्जिद
जाने से नहीं रोका जाता, अब महिलाओं को मस्जिद से क्यों
रोक दिया गया,
क्योंकि औरत का इस्लाम में एक मकाम है। इसलिए जो
लोग औरतों को
टिकट देते हैं, वे इस्लाम के खिलाफ बगावत करते
हैं क्योंकि औरतों को टिकट देना इस्लाम इस्लाम के खिलाफ है। क्या कोई मर्द नहीं
हैं। जो आप औरतों को ला रहे हैं। इससे इस्लाम कमज़ोर हो रहा है, ये इसलिए कमजोर होगा क्योंकि कल कर्नाटक में हिजाब का मसला उठा और हंगामा हुआ। शाही
इमाम ने आगे कहा- अब जाहिर बात है, अगर आप
अपनी औरतों को एमएलए,काउंसलर बनाएंगे, बिना
मजबूरी के तो फिर होगा क्या? हम
हिजाब को तब महफूज़ नहीं रख पाएंगे और फिर हिजाब का मुद्दा भी नहीं उठा पाएंगे
क्योंकि फिर हुकूमत कहेगी कि आपकी औरतों तो अब असेंबली
और पार्लियामेंट में आ रही
हैं। स्टेज पर अपील कर रही है और वोट मांगने के लिए घर-घर जा रही हैं। इस्लाम में
औरत की आवाज भी औरत है इसलिए उनको टिकट दिए जाने का मैं सख्त विरोध करता हूँ। आपको
लड़ना है तो मर्द को दीजिए टिकट जहां मजबूरी नहीं है वहां मर्द को लड़ाई अगर ऐसा
कोई कानून होता कि औरतें ही उस सीट से लड़ सकती हैं तो वहां इसे मजबूरी कह सकते थे
लेकिन यहाँ तो कोई मजबूरी नहीं है।
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