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- भारतीय महिलाएं हो रही सबसे ज्यादा गुस्सा-चिंता- तनाव की शिकार...
Posted by : achhiduniya
10 December 2022
भारत की महिलाओं में तनाव और गुस्से का स्तर दुनिया
से दो गुना यानी 12 प्रतिशत से ज्यादा
हैं। भारत में जहां पुरुषों में गुस्से का स्तर 27.8 % हैं, जबकि महिलाओं में गुस्से का स्तर 40.6 प्रतिशत पाया गया। कोरोना काल के दौरान गुस्सा
के इस स्तर में और बढ़ोत्तरी देखने को मिला। ये बात 2020 में इंग्लैंड के
इंस्टीटयूट ऑफ फिस्कल स्टडीज के एक सर्वें में भी साफ हुई। भारत में 5000 महिलाओं पर
किए गए सर्वें में ये बात सामने आई कि लॉकडाउन के समय घरेलू कामकाज की जिम्मेदारी
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं
ने ज्यादा
उठाई, महिलाओं को घर के साथ-साथ ऑफिस का भी काम संभालना
पड़ा। इसके अलावा महिलाओं को समान ऑफिस वर्क के लिए पुरूषों की अपेक्षा कम वेतन
मिलना चिंता का विषय है। यहीं वजह कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा
गुस्सा,रोष और आक्रोश देखने को मिला। अमेरिका की एक रिसर्च संस्था गैल्प वर्ल्ड पोल ने दुनियाभर की
महिलाओं के मानसिक हालात को लेकर एक सर्वे किया है, इस
सर्वे में सामने आया है कि बीते दशक से महिलाओं में लगातार टेंशन, गुस्सा और चिंता बढ़ रही है, पिछले
10 सालों में अमेरिका से लेकर अफ्रीका,एशिया
से यूरोप तक इन समस्याओं का ग्राफ
तेजी से बदल रहा है। महिलाएं पहले की तुलना में
अब ज्यादा तनाव और गुस्सा में रहने लगी हैं। पिछले एक दशक में लोगों के मानसिक हालात
जानने और उनकी भावनाओं को समझने के लिए गैल्प
वर्ल्ड पोल ने 2012 से 2021 तक 150 देशों के 12
लाख लोगों पर सर्वें किया, इस सर्वें में उन्होनें बताया
कि 10 साल पहले 2012 में महिलाओं और पुरुषों
में गुस्सा व तनाव का स्तर समान देखा गया था, लेकिन 10
साल से महिलाओं में गुस्सा व तनाव पुरुषों की तुलना में ज्यादा बढ़ा हैं। वो पहले की तुलना में अब ज्यादा
गुस्सैल होने लगीं हैं। सर्वे में ये भी सामने आया कि गुस्सा, उदासी, अवसाद और घबराहट जैसे
नकारात्मक एहसासों को पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने ज्यादा महसूस किया हैं। अगर आंकड़ों
पर गौर किया जाए तो सामने आता है कि दुनियाभर में महिलाओं में आक्रोश का स्तर
पुरुषों की अपेक्षा से 6 % अधिक हैं। भारत की महिलाओं में गुस्से का ये स्तर और
अधिक पाया गया है। घरों में पितृसत्ता सोच होने की वजह से महिलाओं को तमाम
पांबादियों का भी सामना करना पड़ता हैं। जो महिलाओं में गुस्सा चिंता, तनाव बढ़ने का बड़ा कारण माना जाता हैं। महिलाओं में बढ़ती
शिक्षा, रोजगार और आर्थिक निर्भरता भी टेंशन बढ़ने के प्रमुख कारणों में
शामिल है।
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