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- सेक्स-सहवास के लिए कैदियो को देती है जेल प्रशासन कमरा जाने क्यू और कहाँ व क्या कहता है नियम...?
Posted by : achhiduniya
23 December 2022
कोई भी व्यक्ति किसी न किसी कारण से जुर्म व अपराध
करता है,इसमें उसकी परिस्थितियां या मानसिकता
विशेष रूप से जिम्मेदार होती है। कैदियो की जेल की जिंदगी पर किए गए तमाम रिसर्च से पता चलता है कि
जीवनसाथी के साथ कुछ निजी पल बिताने की वजह से कैदी के व्यवहार में सकारात्मक
बदलाव होता है। उसकी परिवार के साथ बॉन्डिंग बेहतर होती है और उसके जीवन की
गुणवत्ता में सुधार होता है। आधुनिक दुनिया की जेलों में कैदियों के प्राइवेट
स्पेस में पार्टनर से मिलने की अनुमति दी गई है। ये देश हैं:-कनाडा, जर्मनी, रूस, स्पेन, बेल्जियम, सऊदी अरब, डेनमार्क, अमेरिका के कुछ राज्य और इस्राइल. यहां तक कि कुछ देशों में
समलैंगिकों को
भी ये अधिकार मिले हैं। अमेरिका के राज्यों में कैदियों को उनके
जीवनसाथी के साथ निजी पल बिताने का मौका दिए जाने के बाद जेल में हिंसा की घटनाओं
में कमी आई। इसको लेकर 2012 में एक अध्ययन किया गया था, जिसके मुताबिक कैदियों के लिए जीवनसाथी से अकेले में मिलने का
मौका
एक शानदार प्रोत्साहन था। इस लालच में वह बेहतर
व्यवहार करते थे। यूरोप के बेल्जियम में कैदी अगर किसी से अकेले में मिलना चाहता
है तो इसके लिए उसके पास लीगल
पार्टनर होना जरूरी है। ऐसा होने पर कैदी को एक
नितांत प्राइवेट जगह उपलब्ध करा दी जाती है। कानून के मुताबिक एक कैदी महीने में
एक दिन दो घंटे के लिए प्राइवेट जगह पर अपने पार्टनर से मिल सकता है। वेबसाइट vice.com की लेख
में एक महिला कैदी फ्लोरेंस बदला हुआ नाम का जिक्र किया गया है। फ्लोरेंस को जेल
में हर माह 4-4 घंटे के लिए अपने बॉयफ्रेंड से प्राइवेट जगह में मिलने की
अनुमति थी। इस लेख में अपने बॉयफ्रेंड से मिलने को लेकर फ्लोरेंस की बेचैनी का
जिक्र
है। वह किस तरह इस मुलाकात के लिए अपने चेहरे पर मेकअप करती हैं और फिर एक-एल
का इंतजार करती हैं। ब्रिटेन की जेल में कैदियों को अपने पार्टनर से निजी जगहों पर
मिलने की अनुमति नहीं होती। बल्कि कुछ
कैदियों को हर 14 दिन में एक दिन के लिए परिवार से मिलने के लिए
घर जाने की अनुमति दी जाती है। हालांकि व्यवहारिक तौर पर ऐसा बहुत कम होता है। अधिकतर उन कैदियों को घर
जाने की अनुमति मिलती हैं जिनके साथ अपेक्षाकृत कम रिस्क रहता है। तकनीकी भाषा में
इसे दांपत्य जीवन का अधिकार कहा
जाता है। हर पति या पत्नी का यह अधिकार है वह अपने जीवनसाथी के साथ रहे। इसी
अवधारणा पर जेल के कैदियों को एकांत में अपने जीवनसाथी के साथ कुछ पल बिताने का
मौका दिया जाता है। इसके पक्ष में अक्सर कई तर्क दिए जाते हैं। तमाम रिसर्च में दावा किया गया है कि इससे कैदी
के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है। यह भी कहा जाता है कि एक
जीनवसाथी का यह अपने पार्टनर के साथ निजी पल बिताना मौलिक अधिकार है। दरअसल कैदियों को लेकर संयुक्त राष्ट्र के मानक में भी इस चीज को
शामिल किया गया है।
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