- Back to Home »
- Judiciaries »
- रिश्वत मांगने या देने के संबंध में प्रत्यक्ष साक्ष्य के अभाव में भी सजा...सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
रिश्वत मांगने या देने के संबंध में प्रत्यक्ष साक्ष्य के अभाव में भी सजा...सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
Posted by : achhiduniya
15 December 2022
पांच जजों की संविधान पीठ ने ये फैसला लिया है।
क्या रिश्वत मांगने या देने के संबंध में प्रत्यक्ष साक्ष्य के अभाव में परिस्थितिजन्य
अनुमानों के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषसिद्धि हो सकती है? सुप्रीम
कोर्ट में पांच जजों के संविधान पीठ ने 22 नवंबर
को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस
ए एस बोपन्ना,
जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना की 5-न्यायाधीशों
की पीठ ने ये सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था। SC ने
कहा कि अदालत को भ्रष्ट लोगों के खिलाफ नरमी नहीं बरतनी
चाहिए। भ्रष्ट अधिकारियों पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें दोषी ठहराया
जाना चाहिए,
क्योंकि भ्रष्टाचार ने शासन को प्रभावित करने वाले
एक बड़े हिस्से को ले लिया है। ईमानदार अधिकारियों पर इसका प्रभाव पड़ता है। जब
उसके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है तो परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर भी
एक भ्रष्ट सरकारी अधिकारी को दोषी ठहराया जा सकता है। भ्रष्टाचार के मामलों में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला सामने आया
है. घूस लेने या देने के मामलों में प्रत्यक्ष सबूत ना होने पर भी सजा हो सकती है.
परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर सजा हो सकती है।
.jpg)
.jpg)