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- 4 हजार रंगों में उपलब्ध गोबर पेंट दे रहा मल्टीनेशनल कंपनियों के इमल्शन और डिस्टेंपर पेंट को चुनौती
Posted by : achhiduniya
05 January 2023
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जरवाय गौठान, दुर्ग जिले के गांव लिटिया और कांकेर के सराधुननवागांव में गोबर
से प्राकृतिक पेंट बनाने का कार्य शुरू किया गया है। पेंट निर्माण में अमूमन मल्टी
नेशनल कंपनियां ही काबिज थीं लेकिन अब ग्रामीण महिलाएं भी इस क्षेत्र में मजबूती
से कदम रख चुकी हैं। गोबर से बनने वाला
प्राकृतिक पेंट बिल्कुल मल्टी नेशनल कंपनियों के द्वारा तैयार किए गए पेंट जैसा है।
इसकी गुणवत्ता उच्च स्तरीय है, यह पेंट एंटी बैक्टीरियल और
एंटीफंगल होता है। महिलाओं द्वारा बनाया गया पेंट मल्टी
नेशनल कंपनियों को टक्कर
दे रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे इस उच्च गुणवत्ता
के पेंट को देखते हुए सभी शासकीय भवनों की पुताई कराने के निर्देश दिए हैं। लोक
निर्माण विभाग द्वारा इसके लिए एसओआर भी जारी कर दिया गया है। गोबर से पेंट और
वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर महिलाएं महात्मा गांधी के आत्मनिर्भर गांव की कल्पना को
साकार कर रही हैं। इससे गांव के लोगों को रोजगार के साथ ही उनकी तरक्की के लिए नए-नए
अवसरों का निर्माण हो रहा है। जरवाय गौठान में
डिस्टेंपर, इमल्शन पेंट के साथ ही पुट्टी का भी निर्माण हो रहा है। इसकी
बिक्री राजधानी रायपुर के सीजी मार्ट में की जा रही है। इसे जल्द ही विभिन्न
ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध कराने की योजना है। यह पेंट मल्टी नेशनल कंपनी के
पेंट की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत सस्ता होने के साथ ही यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। गोबर
से बने इस पेंट की कीमत बाजार में उपलब्ध प्रीमियम क्वालिटी के पेंट की तुलना में 30 से 40 फीसदी कम है। इमल्शन पेंट की
कीमत 225 रूपए प्रति लीटर है। यह 1,2,4 और 10 लीटर के पैकेज में तैयार किया जा रहा है। साथ ही यह बड़ी
कम्पनियों के पेंट की तरह
करीब 4 हजार रंगों में भी उपलब्ध है।
साथ ही पुट्टी डिस्टेंपर भी तैयार किया जा रहा है। यह पेंट भारत सरकार की संस्था
राष्ट्रीय प्रशिक्षण शाला के द्वारा प्रमाणित भी किया गया है। साथ ही इसके विभिन्न
प्रकार के गुण है यह एन्टी बैक्टीरिया, एंटीफंगल, इको-फ्रेंडली, नॉन टॉक्सिक है। यह भी वैज्ञानिक
संस्थान द्वारा प्रमाणित है। इस प्राकृतिक पेंट में हैवी मटेरियल का उपयोग नही
किया गया है और यह नेचुरल थर्मल इन्सुलेटर है यानी इसमें चार से पांच डिग्री
तापमान कम करने
की क्षमता भी है। यह राजधानी के जरवाय गौठान के गोवर्धन क्षेत्र
स्तरीय महिला स्व सहायता समूह द्वारा लक्ष्मी ऑर्गेनिक संस्थान के सहयोग से बनाई
जा रही है। इस समय इस गौठान में स्थापित यूनिट द्वारा प्रतिदिन 2 हजार लीटर इमल्शन पेंट बनाने की क्षमता है। जिसे भविष्य में
मांग अनुरूप 5 हजार लीटर तक वृद्धि की जा रही है। यहां पर पुट्टी और
डिस्टेंपर भी बनाई जा रही है। इस पेंट से राजधानी के नगर निगम मुख्यालय की इमारत
जोन क्रमांक 8 की इमारत में पोताई की गई है।
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