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- सावधान ई-कॉमर्स ऑफर के नाम मिल रहा नकली समान...
Posted by : achhiduniya
24 January 2023
देश में बिकने वाले करीब 25-30% उत्पाद जाली हैं
और यह चलन कपड़ों एवं एफएमसीजी (दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाले) क्षेत्रों में
सबसे ज्यादा नजर आता है। इसके अलावा दवा, वाहन
एवं टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्रों में भी नकली उत्पादों की भरमार देखी जाती है। एक
रिपोर्ट में यह दावा किया गया की परिधान
क्षेत्र में करीब 31% उत्पाद नकली पाए जाते हैं जबकि रोजमर्रा के उत्पादों के
मामले में यह अनुपात 28% का है। वहीं वाहन क्षेत्र के 25% उत्पाद नकली होते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दवा एवं
औषधि क्षेत्र के 20% उत्पाद, टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र के 17%
उत्पाद और कृषि-रसायन क्षेत्र के 16% उत्पाद नकली पाए गए हैं। इस रिपोर्ट की खास
बात यह है कि
27% खरीदारों को यह पता ही नहीं होता है कि वे नकली उत्पाद खरीद रहे
हैं। वहीं 31% लोग जानबूझकर नकली उत्पादों को खरीदते हैं। इस रिपोर्ट को दिल्ली, आगरा, जालंधर, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर, कोलकाता, पटना, चेन्नई, बेंगलुरु एवं हैदराबाद शहरों
में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया गया है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस
एंड एनालिटिक्स के वरिष्ठ निदेशक सुरेश कृष्णमूर्ति ने रिपोर्ट के
निष्कर्षों पर
कहा कि नकली उत्पाद सिर्फ लग्जरी उत्पादों तक ही सीमित नहीं हैं। सामान्य उत्पादों
की भी तेजी से नकल हो रही है। जानकारों का कहना है कि सबसे अधिक नकली उत्पाद
ई-कॉमर्स के जरिये इन दिनों बेचा जा रहा है। ब्रांडेड उत्पाद की चाहत में लोग
आसानी से नकली उत्पाद कम कीमत में खरीद रहे हैं। बाद में लोग ठगा हुआ महसूस करते
हैं। इसके चलते सबसे अधिक शिकायत ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर ही है।
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