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- क्या सीबीआई के भी बंधे होते है हाथ पैर इन राज्यों में एंट्री अब भी बैन क्यू..?
Posted by : achhiduniya
19 June 2023
सीबीआई यानी केंद्रीय जांच एजेंसिया भले ही केंद्र
सरकार के अधीन है, लेकिन किसी मामले की जांच तभी कर सकती है
जब उन्हें हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या केंद्र से आदेश मिलता
है अगर मामला राज्य का तो राज्य सरकार से इस जांच की अनुमति लेनी होती है। इसका मतलब है कि सामान्य सहमति वापस लिए
जाने से पहले भी सीबीआई तमिलनाडु में राज्य सरकारी की अनुमति लेती थी,लेकिन पहले
स्टालिन सरकार ने सामान्य सहमति दी हुई थी, इसलिए उस वक्त जांच
करने की अनुमति आसानी से मिल जाती थी। सामान्य सहमति वापस लेने का मतलब है कि अब
सीबीआई को राज्य में किसी भी मामले में जांच करने के लिए तमिलनाडु सरकार की मंजूरी
लेनी होगी। तमिलनाडु सरकार चाहे तो सीबीआई
के जांच की मांग को खारिज भी कर सकती है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आदेश
में लिखा गया, दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, 1946 के तहत अब
सीबीआई को तमिलनाडु में किसी भी मामले की जांच करने से पहले सरकार से अनुमति लेनी
होगी। तमिलनाडु के पहले झारखंड, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम
बंगाल, मेघालय, छत्तीसगढ़, केरल, मिजोरम और
राजस्थान में केंद्रीय जांच एजेंसी की एंट्री पर रोक लगाई जा चुकी है।
महाराष्ट्र में भी जब महाविकास अघाड़ी की सरकार थी उस वक्त भी सीबीआई की एंट्री बैन की गई थी। हालांकि पिछले साल जैसे ही सत्ता बदली राज्य सरकार ने एक बार फिर सीबीआई को सामान्य सहमति दे दी थी। वर्तमान में बंगाल और झारखंड दो ऐसे राज्य हैं जहां राज्य सरकार की अनुमति के बिना भी सीबीआई जांच कर रही है। बंगाल में शिक्षक नियुक्ति घोटाला की जांच सीबीआई और ईडी दोनों कर रहे हैं। यह जांच भी राज्य सरकार की मर्जी के खिलाफ है। यहां बाध्यता ये है कि इस जांच का आदेश सीधा कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया है।
हालांकि अगर किसी मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाई
कोर्ट आदेश देती है, तो ऐसी स्थिति में जांच एजेंसी को राज्य
सरकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।
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