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- ऐसों आराम के लिए कर्ज का बड़ रहा क्रेज.....
Posted by : achhiduniya
31 December 2023
पिछले दो साल में भारतीय परिवारों की शुद्ध बचत का आंकड़ा लगभग 4
फीसदी
कम हुआ है। वित्त वर्ष 2022-23 में यह जीडीपी का 5.1
फीसदी
रहा है,जबकि 2020-21 में यही आंकड़ा 11.5
फीसदी
था। फिलहाल यह लंबे समय से चले आ रहे औसत आंकड़े 7 से 7.5
फीसदी
से काफी नीचे जा चुका है। भारत के लोग अब रियल एस्टेट और गाड़ियां खरीदने पर ज्यादा
पैसा खर्च कर रहे हैं। इसके चलते उन पर कर्ज बढ़ा है। फिर भी भारतीयों की कर्ज चुकाने की क्षमता अभी
दुनिया के बड़े देशों से ज्यादा है। बचत के घटने से मुश्किल
समय में भारतीय परिवार दिक्कत में फंस सकते हैं,फिर भी वह अपने ऊपर तेजी से कर्ज
बढ़ाते जा रहे हैं। उनकी वित्तीय देनदारियां वित्त वर्ष 2022-23
में
जीडीपी के 5.8 फीसदी पर पहुंच गई हैं। वित्त वर्ष 2021-22
में
यही आंकड़ा 3.8 फीसदी था। रिजर्व बैंक के हालिया
विश्लेषण के अनुसार, बचत घटने का आंकड़ा
फिलहाल स्थिर है। इस बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि भारतीय
परिवार अपनी बचत का इस्तेमाल प्रॉपर्टी और वाहन बनाने में कर रहे हैं। अब हैरान करने
वाले आंकड़े सामने आए हैं। भारतीय परिवारों की बचत लगातार घट रही है। मगर,
उनके
पास घरों और गाड़ियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।