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अयोध्या में इबादतगाह नहीं थी, बल्कि हिंदुओ के अपमान का एक स्थान छाती में गढ़ा हुआ एक शूल था...पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती
Posted by : achhiduniya
06 January 2024
मध्य प्रदेश प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा,जब बाबरी ढांचा गिरा था तो
हमारे मन में ये नहीं था कि हम धार्मिक स्थल को गिरते हुए देख रहे हैं। क्योंकि
ढांचा बनाने के लिए बाबर के सेनापति के पास बहुत बड़ा मैदान था,
वो वहां मस्जिद बना सकता था,
नमाज पढ़ने के लिए,अगर वहीं बनाया मंदिर को
तोड़कर तो ये इबादतगाह नहीं थी, बल्कि हिंदुओ के अपमान का
एक स्थान था, हमारी छाती में गढ़ा हुआ एक शूल था। उन्होंने कहा कि मुझे
राम जन्मभूमि न्यास की तरफ से पहले ही बुलावा आ चुका है और मैं 18
जनवरी
से ही वहां रहूंगी।
उमा भारती ने आगे कहा कि जिस तरह राम मंदिर का फैसला आया और राम मंदिर का
शिलान्यास हुआ उस दृश्य को हिंदू और मुसलमान सभी ने एकजुटता के साथ देखा। देशभर
में अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की
चर्चा है। उमा भारती ने राम मंदिर को लेकर खास बताचीत की है। उमा भारती ने कहा कि
ये राम लला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं बल्कि ये राष्ट्र के आत्मसम्मान की प्राण
प्रतिष्ठा है। उमा भारती ने ये भी कहा कि अयोध्या हमारे लिए कभी भी वोट का विषय
नहीं है।
हम कभी भी वोट के लिए अयोध्या नहीं गए। हम वहां इसलिए जाते रहे अगर वहां
हम शहीद भी हो जाते तो ये हमारे लिए गौरव का विषय होता। वहीं राम मंदिर बनने और इसकी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उमा भारती ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की,उन्होंने पीएम मोदी का
महायोगी की संज्ञा तक दे दी। उन्होंने कहा कि राम लला की प्राण प्रतिष्ठी नरेंद्र मोदी जैसे महायोगी के हाथों हो रही है।