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सरकार पर दबाव बनाने अपनी मांगे मनवाने भारतीय रियल एस्टेट सलाहकार वेल्फेयर असोसिएशन/ यूनियन ने लिए बड़े फैसले....
Posted by : achhiduniya
01 February 2024
भारतीय
रियल एस्टेट सलाहकार
वेल्फेयर असोसिएशन/
यूनियन नागपुर के पदाधिकारियों को मोदी सरकार के अंतरिम बजट
से खासी उम्मीदे थी,लेकिन 1 फरवरी के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे सीमित रखा और चुनाव से
पहले बड़े वादे करने से बचती हुई दिखाई दी। रियल एस्टेट सेक्टर को इस योजना से कुछ खास नहीं मिला।
सेक्टर की बजट से उम्मीदें अधूरी ही रह गई। रियल
एस्टेट सेक्टर वर्षों से उद्योग घोषित होने की मांग कर रहा है। इससे आसानी से कर्ज और टैक्स छूट
का लाभ मिल सकता है। मगर अंतरिम
बजट में इस मुद्दे पर निराशा मिली। घर
खरीदने वालों के लिए टैक्स बेनिफिट भी नहीं मिले। यदि
होम लोन पर टैक्स छूट बढ़ती तो रियल एस्टेट सेक्टर को बहुत लाभ मिलता। पीएम
आवास योजना (शहरी) के लिए बजट बढ़ता तो रियल एस्टेट सेक्टर में डिमांड
बढ़ती। मगर अंतरिम
बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई। एचडीएफसी
एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के एमडी एवं सीईओ नवनीत मुनोत ने कहा कि बजट में
गरीब, युवा, अन्नदाता
और नारी के बारे में बात की गई है। ग्लोबल चुनौतियों के बावजूद इकोनॉमी की स्थिति
अच्छी बनी हुई है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पर्याप्त पैसे देकर वित्त मंत्री ने
इकोनॉमी को आगे बढ़ने का पूरा अवसर दिया है। इक्विटी मार्केट में बजट का अच्छा असर
दिखाई देगा। वहीं भारतीय रियल एस्टेट
सलाहकार वेल्फेयर असोसिएशन / यूनियन, नागपुर की प्रथम मीटिंग
कल दिनांक 31 जनवरी को विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभागृह
में संपन्न हुई।
बडी मेहनत से खून पसीना
बहाकर वह साल में दो चार डील कर पाते हैं उनके पास रेगुलर आय का कोई स्रोत नहीं
होता है फिर
भी रियल एस्टेट की कुछ छोटी और बड़ी मार्केटिंग कंपनियां, ब्रोकरेज
फर्म , ब्रोकरेज कंपनी, इन्वेस्टर्स एवं
कस्टमरभी उनकी मजबूरी, अज्ञान का फायदा उठाकर
और कानूनी दांवपेंच का खेल कर उन्हें उनकी कमाई से वंचित रखते है और उनके मेहनत का
पेमेंट उन्हें नहीं मिलता उन पर इल्ज़ाम लगाकर
उन्हें बदनाम किया जाता है उनके कमीशन को रोक दिया जाता है उन्हें बोला कुछ और
जाता है और दिया कुछ और, जाता है और इसी को
कानून के दायरे में लाने और प्रशिक्षित करने के लिये इस संगठन का गठन करना जरुरी
था, साथ साथ ऊनका भविष्य
सुरक्षित करने एवं सरकार से निवेदन करने कि जो लोग रेरा
रजिस्टर्ड हैं उन्हें ग्रुप बीमा सहायता राशी 20 लाख मिलनी चाहिए एवं 5 लाख का मेडिकल बीमा
राशी पांच साल के लिए हो, महारेरा रजिस्ट्रेशन
जैसे पहले हो रहे थे
उसी तरीके से होते रहे, कम पढ़े लिखे एडवाइजर
या जो रिटायर्ड लोग इस फील्ड में काम करते हैं उन पर परिक्षा का बोझ ना डाला जाये, जिनकी आय नहीं हुई है
उन पर किसी भी प्रकार कि पेनाल्टी ना लिया जाए,कमीशन की उचित
दिशानिर्देश बने और महारेरा सलाहकार की शिकायतों का निपटारा करने के लिए अलग से एक
कमिटी का गठन किया जाए,जिससे एग्रीमेंट या
रजिस्ट्री के 15 दिनों के भितर सलाहकार को उसकी मेहनत
का कमीशन बराबर मिलें, महारेरा रजिस्ट्रेशन की
फीस भी कम की जाये, दलालीमें जो 18% जीएसटी
दिया जाता है ऊसे हटाया जाए, सलाहकारों को 6 महीने में जो अनुपालन
करना है उसे हटाया जाए, और सलाहकार को
व्यक्तिगत सुरक्षा एवं उसके कमीशन की गारंटी प्रदान की जाए, जिससे कि सभी सलाहकार
अपने आपको महारेरा रजिस्टर कर सकें, हर एग्रीमेंट एवं
रजिस्ट्री ड्राफ्टपर सलाहकार का नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर डाला जाये, सभी प्रकार के
प्रोजेक्ट एवं सलाहकार को महारेरा कानूनके तहत लाया जाये, बिना स्वीकृती
एवं महारेरा के रजिस्ट्री ना लगाई जाये, जिससे कस्टमर और
सलाहकार दोंनों के साथ धोखाधड़ी ना हो, जो भी प्रोजेक्ट
महारेरा रजिस्टर्ड हैं उन सभी प्रोजेक्टोमें रजिस्टर्ड सलाहकारोंके नाम दर्जा
होनेतक बेचनेकी अनूमती प्रदान ना कि जाये, हर सलाहकार के साथ
लिखित में करारनामा हों और भी ईसी तरह बहुतसी मांग सरकार से करने का एकमत से
प्रस्ताव पारित किया गया। मिटिंग
की प्रस्तावना युनियन के उपाध्यक्ष ईंजी. संजय कृपाण सर ने की ! उन्होंने
सलाहकारोंको दो टक्के का दलाल न कहकर सम्मान से 'रियल इस्टेट सलाहकार' संबोधन करने को कहा ,जिसमें सम्मान भी मिले और ऊनका मेहनताना भी
कार्यकारी अध्यक्ष के.
एम सुरडकर जो पेशे से पुर्व में सरकारी अस्पताल में डाक्टर रहे और सलाहकारों के
कार्यकारी अध्यक्ष हैं उनके द्वारा सलाहकारों को हो रही तक़लिफों का चिंतन किया और
इस लड़ाई में हम कामयाब होंगे यह विश्वास दिलाया। इस मिटिंग में महारेरा ट्रेनर अमोल भालेराव सर ने
महारेरा कानून कें फायदे और नूकसान दोनो गिनाए। कानून बनने के बाद भी
हो रही अनियमितता पर चिंता जाहीर की अध्यक्षीय भाषण में
महारेरा कन्सल्टंट और संगठन के संस्थापक अध्यक्ष श्री. राजवीर सिंहजी ने सभी
सलाहकारों के हित में हो रही अनियमितताओं का स्थायी उपाय कानूनी दस्तावेज बनाकर एक-एक कापी छोटी, बड़ी रियल एस्टेट
कंपनियों, ब्रोकरेज फर्म और रियल
एस्टेट सलाहकारों को दिया जाएगा जिससे उनके पास यह लिखित में रहने से निर्धारित
समय पर कमीशन मिलेगा यह आश्वस्त
किया और सभी से अनुरोध किया कि जो लोग भी सलाहकार
का मेहनत का अधिकार कमीशन नहीं देते है वो सभी लोग ऐसा ना करें, सभी
प्रकार के व्यवहार लिखित में करें अगर ऐसी शिकायत आती है तो कानूनी कार्रवाई करने
का उन्होंने अनुरोध किया। ऊनके
उपाय और सुझावों को सभी सलाहकारों ने ध्यान से सूना और अमंल मे लाने का निवेदन किया। जीवन का हर एक पल आपकी हर आवाज का शहंशाह होता है। क्या हम यह भी भूल गए
की हमारे लब्ज़ हमारी
पहचान भी भुला रहे है।
आज के इस दौर की इस जंग में क्या हम अकेले मुल्जिम है ? जिसका का इम्तिहान वो अकेला ही देगा। होश की हिम्मतें मुर्दों को भी जगा देती है। क्या हम वो है की
किसी मनभावन दुनिया के सैर में
बैठकर हमेशा धोए जाए।
पल-पल की बुलंदी का
आगाज हमे बुला रहा है,हमें
संगठित होना पड़ेगा तभी हम इज्जत से जी सकेंगे ऐसी प्रस्तावना को चरितार्थ किया
जाए। मीटिंग करीब ३ घंटे चली और उपस्थित सभी मुद्दो और तक़लिफों से निजात पाने का
समाधान सलाहकारों को हुआ | मीटिंग का संचालन पूर्व
में बैंक मॅनेजर रहे प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी आनंद कोहाड़ जी ने बडे़ ही
प्रभावी ढंग से किया और सलाहकारों का जोश बढ़ाने में कामयाब रहे और संगठन का
व्हिजन और मिशन विस्तार से
बताया। अंत में आभार
प्रदर्शन युनियन के उपाध्यक्ष संजय खोब्रागडे जी ने किया। संस्थापक अध्यक्ष श्री राजविरसिंह।
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