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- भारत रत्न के पात्र कैसी होती है चयन प्रक्रिया क्या है सम्मान स्वरूप....?
Posted by : achhiduniya
05 February 2024
भारत रत्न दिए जाने की शुरुआत 2 जनवरी 1954
से
हुई थी। सबसे पहला सम्मान स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती
राजगोपालाचारी,दूसरा राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन और
तीसरा साइंटिस्ट चंद्रशेखर वेंकट रमन को दिया गया था। भारत रत्न,
भारत
का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह
पुरस्कार देश के प्रति अमूल्य योगदान के लिए किसी भी जाति,धर्म,लिंग,व्यवसाय या क्षेत्र के
व्यक्ति को दिया जा सकता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य,
विज्ञान,
समाज
सेवा और खेल शामिल हैं। भारत रत्न पुरस्कार किसी औपचारिक नामांकन प्रक्रिया के
अधीन नहीं है। देश के प्रधानमंत्री किसी भी व्यक्ति को पुरस्कार के लिए नामित कर
सकते हैं। इसके अलावा, मंत्रिमंडल के सदस्य,
राज्यपाल
और मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री को सिफारिशें भेज सकते हैं। इन सिफारिशों पर प्रधानमंत्री
कार्यालय में विचार-विमर्श होता है और उसके बाद राष्ट्रपति को अंतिम मंजूरी के लिए
भेजा जाता है। राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद ही किसी व्यक्ति को भारत रत्न से
सम्मानित किया जाता है। हर साल अधिकतम तीन हस्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता
है। हालांकि ये जरूरी नहीं है कि हर साल भारत रत्न सम्मान दिया ही जाना है। किसी
व्यक्ति के जीवन काल या मरणोपरांत दोनों तरह से दिया जाता है। भारत रत्न से
सम्मानित व्यक्ति को एक मेडल और आधिकारिक प्रमाण पत्र दिया जाता है। यह मेडल पीपल
के पत्ते जैसा दिखता है,जो शुद्ध तांबे का होता
है। यह 5.8 सेमी लंबा,
4.7 सेमी चौड़ा और 3.1 मिमी मोटा होता है। पत्ते
पर प्लैटिनम का चमकता सूरज बना होता है। इसका किनारा भी प्लैटिनम का होता है।
मेडल
पर नीचे चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है। जबकि पीछे राष्ट्रीय प्रतीक
अशोक स्तंभ बना होता है और नीचे हिंदी में सत्यमेव जयते लिखा होता है। वहीं
सर्टिफिकेट में सम्मानित व्यक्ति का नाम, सम्मानित किए जाने का
साल और राष्ट्रपति के साइन होते हैं। भारत रत्न कोई आर्थिक पुरस्कार नहीं है। मतलब
ये है कि इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती है। हालांकि कुछ राज्य सरकार सम्मानित व्यक्तियों को
वित्तीय सहायता देने के लिए अपनी मर्जी से पहल करती हैं। भारत रत्न प्राप्तकर्ता
एक तरह से देश के लिए वीआईपी होता है। उसे सरकारी महकमे से कई तरह की सुविधाएं
मिलती हैं।
जैसे-रेलवे की ओर से फ्री यात्रा,राज्य में राजकीय अतिथि
का दर्जा, अहम सरकारी कार्यक्रमों का न्योता,
वॉरंट
ऑफ प्रेसिडेंस में जगह दी जाती है। उन्हें प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,उपप्रधानमंत्री,राज्यपाल,पूर्व राष्ट्रपति,मुख्य न्यायाधीश,लोकसभा अध्यक्ष,
कैबिनेट
मंत्री,मुख्यमंत्री,पूर्व प्रधानमंत्री और
संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह दी जाती है। संविधान के
अनुच्छेद 18(1) के अनुसार,
भारत
रत्न से सम्मानित व्यक्ति इस पुरस्कार का नाम अपने नाम के आगे या पीछे नहीं लिख
सकता है। हालांकि अगर वह आवश्यक समझता है तो यह दर्शाने के लिए कि उसे ये अवॉर्ड
मिला है तो इस तरह से लिखा जा सकता है:- राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित
या भारत
रत्न प्राप्तकर्ता।