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- कैसे लीक हो जाते है पेपर क्या है सजा का प्रावधान....?
Posted by : achhiduniya
05 February 2024
लचर प्रशासनिक व्यवस्था के हाल
के सालों में भारत में पेपर लीक की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं,जिससे
एग्जाम को रद्द करना पड़ता है और छात्रों के भविष्य पर गहरा असर पड़ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2017-2023 तक
सात सालों में अलग-अलग राज्यों में पेपर लीक के 70 से
ज्यादा मामले सामने आए और 1.5 करोड़
से ज्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं। पेपर का लीक होना केवल स्कूल बोर्ड के एग्जाम
तक ही सीमित नहीं है,बल्कि
कई राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बड़े पैमाने पर
होता है। राजस्थान पिछले कुछ सालों में पेपर लीक के लिए सुर्खियों में रहा है। यहां 2015 से 2023 के बीच कई कंपटीशन एग्जाम के पेपर
लीक के 14 से ज्यादा मामले देखे गए, जिसके
बाद एग्जाम रद्द करने पड़ गए। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य
प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार
और हरियाणा में भी ऐसे ही पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इन राज्यों में लगातार
हो रही पेपर लीक की घटनाएं न केवल भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती हैं,बल्कि
एजुकेशन सिस्टम की खामियों को भी उजागर करती हैं। पेपर लीक और नकल का दोषी पाए
जाने वालों के खिलाफ राज्य सरकारों ने सख्त कानून बनाए हैं। राजस्थान में कम से कम
10 साल और अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।
साथ ही कम से
कम 10 लाख से 10 करोड़
रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अगर दोषी जुर्माना नहीं देता है तो दो साल
ज्यादा जेल की सजा काटनी पड़ती है। उत्तराखंड में भी पेपर लीक और नकल के खिलाफ
उम्रकैद का प्रावधान है। कम से कम 10 साल
जेल और 10 लाख से 10 करोड़
तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही ये कानून गैर जमानती है। गुजरात
में पेपर लीक के दोषियों के खिलाफ 3 से 10 साल की सजा का प्रावधान है। 1 लाख
से 1 करोड़
रुपये तक का जुर्माने का लगाया जाता है। वहीं पेपर खरीदने वाले छात्रों को भी 2 से 10 साल की सजा हो सकती है। पेपर लीक के आरोपियों को जमानत नहीं
मिलती है।
हरियाणा में दोषियों को सात से दस साल जेल और 10 लाख रुपये तक जुर्माना लग सकता है। इतना ही नहीं उनकी
प्रॉपर्टी नीलाम कर नुकसान की भरपाई भी करने का प्रावधान है। नकल करते पकड़े जाने
वाले छात्रों पर भी पांच हजार का जुर्माना और 2 साल
की सजा हो सकती है। केंद्र सरकार भी पेपर लीक से निपटने के लिए अब एक कानून लाने
की तैयारी में है। पेपर लीक पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार इसी 5 फरवरी
को लोकसभा में एक नया विधेयक पेश कर सकती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में इस
विधेयक को मंजूरी दी थी। नए विधेयक में पेपर लीक के दोषियों को अधिकतम 10
साल
तक की जेल और कम से कम 1 करोड़ रुपये जुर्माने
का प्रावधान हो सकता है। इस बिल का नाम
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024
है।