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RTI के विरुद्ध चुनावी इलेक्ट्रोल बॉन्ड योजना सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द,काले धन पर अंकुश लगाना चुनावी बांड का आधार नहीं....
Posted by : achhiduniya
15 February 2024
सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड तुरंत रोकने के आदेश
दिये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी कर कहा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) चुनावी बांड के माध्यम से अब तक किए गए योगदान के सभी विवरण 31 मार्च तक चुनाव आयोग को दे। साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह 13 अप्रैल तक अपनी वेबसाइट पर जानकारी साझा करे। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को
अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया है। चुनावी
बॉन्ड योजना को सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी साल में अंसवैधानिक करार देना,केंद्र सरकार को बड़ा झटका है। कोर्ट ने कहा,काले धन
पर
अंकुश लगाने के उद्देश्य से सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है। चुनावी
बांड योजना सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है।राजनीतिक दलों
के द्वारा फंडिंग की जानकारी उजागर न करना उद्देश्य के विपरीत है। प्रधान
न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने
पिछले साल दो नवंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसला सुनाने के
दौरान CJI डीवाई
चंद्रचूड़ ने कहा,हम सर्वसम्मत
निर्णय पर पहुंचे हैं। मेरे फैसले का समर्थन जस्टिस गवई, जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा द्वारा किया गया है।
इसमें दो राय हैं,एक मेरी
खुद की और दूसरी जस्टिस संजीव खन्ना की,दोनों एक ही निष्कर्ष पर पहुंचते हैं, हालांकि, तर्कों
में थोड़ा अंतर है। फैसला सुनाते हुए सीजेआई ने कहा,काले धन को रोकने के लिए इलेक्ट्रोल बॉन्ड के अलावा भी दूसरे
तरीके हैं। हमारी राय है कि कम से कम प्रतिबंधात्मक साधनों से परीक्षण संतुष्ट
नहीं होता। उस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए चुनावी बॉन्ड के अलावा अन्य साधन
भी हैं। इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण और चुनावी ट्रस्ट के अन्य माध्यमों से योगदान अन्य
प्रतिबंधात्मक साधन हैं। इस प्रकार काले धन पर अंकुश लगाना चुनावी बांड का आधार
नहीं है। काले धन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सूचना के अधिकार का उल्लंघन करना
उचित नहीं है। संविधान इस मामले में आंखे बंद कर के नहीं रख सकता, केवल इस आधार पर की इसका गलत उपयोग हो सकता है।