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हलाला, इद्दत 3 तलाक इस्लामिक प्रथाओं पर रोक उत्तराखंड में UCC लागू…. मौलाना कौसर हयात खान का कड़ा विरोध
Posted by : achhiduniya
27 January 2025
मुस्लिम लीग के
संयुक्त सचिव मौलाना कौसर हयात खान ने कड़ा विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर मुसलमानों के
धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप है और हिंदू कानून थोपने की कोशिश की जा रही है,
जो इस्लाम के खिलाफ है। दरअसल,उत्तराखंड में 27 जनवरी, 2025 से यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता
(UCC) लागू हो गई है। इस
एक्ट में हलाला, इद्दत और तीन तलाक जैसी इस्लामिक प्रथाओं पर रोक लगा दी गई है। यह
कानून बहुविवाह को भी रोकता है। मौलाना कौसर हयात ने कहा कि भारत के 30-35
करोड़ मुसलमान यूसीसी के खिलाफ हैं। सरकार
कानून बना रही है, लेकिन मुस्लिम समाज से बात नहीं की जा रही है।
उन्होंने
कहा कि वह इसकी घोर निंदा करते हैं। यूसीसी पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय
अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी बरेलवी का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि अगर
यूसीसी शरीयत का उल्लंघन करता है,तो उत्तराखंड के मुसलमान इसको मानने के लिए बध्य
नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर यह कानून शरीयत के उसूलों की मुखालफत नहीं करता है
तो हर मुस्लिम उसकी इज्जत करेगा और उसका मानेगा, लेकिन अगर यह शरीयत की मुखालफत करता है तो
मुसलमान इस कानून को मानने के लिए मजबूर नहीं हैं।
उन्होंने कहा,भारत का मुसलमान कानून को मानता है और कानून पर
अमल करता है,लेकिन ये नहीं हो सकता कि शरीयत की मुखालफत करे या शरीयत के उसूलों का
उल्लंघन करके दूसरे कानून पर अमल करे। जितना सम्मान मुसलमान कानून और संविधान का
करता है। उतना ही सम्मान, इज्जत और एहतराम शरीयत के उसूलों का करता है। मौलाना
रिजवी ने कहा,उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी को लागू करने का प्रोग्राम बनाया है और आज
यूसीसी को लागू किया जा रहा है। यूसीसी पूरे उत्तराखंड में लागू किया जाता है और
इसमें कहीं भी शरीयत के उसूलों से टकराव नहीं है और समानता है और कहीं भी कोई
मुखालफत नहीं होती है तो मुसलमान इस यूसीसी को मानेगा, तसरीम करेगा और उसका एहतराम करेगा,अगर ऐसे उसूल
हैं, जिनसे शरीयत की
मुखालफत हो रही होगी तो फिर ऐसी कंडिशन में मुसलमान बाध्य नहीं है और उस पर अमल
करने के लिए मजबूर नहीं है।
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