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- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से पूछे ये 14 सवाल जवाब दो माईलॉड
Posted by : achhiduniya
15 May 2025
बीते 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक फैसला सुनाया गया था,जिसमे राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर
निर्णय लेने के लिए समय-सीमा तय करने के फैसले पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी
मुर्मू ने प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट से 14 सवाल पूछे हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर
प्रतिक्रियाओं का दौर लंबे समय तक जारी रहा है। सत्ताधारी दल हो या विपक्ष दोनों
ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस फैसले को
संवैधानिक मूल्यों और व्यवस्थाओं के विपरीत होने के साथ-साथ संवैधानिक सीमाओं का
भी अतिक्रमण बताया है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत सुप्रीम कोर्ट से 14
संवैधानिक प्रश्नों पर उनकी राय मांगी है। # अनुच्छेद 200 के अंतर्गत विधेयक प्रस्तुत किए जाने पर राज्यपाल
के पास क्या संवैधानिक विकल्प उपलब्ध हैं?#
क्या राज्यपाल इन विकल्पों का प्रयोग करने में
मंत्रिपरिषद की सलाह से बाध्य हैं?# क्या अनुच्छेद 200 के अंतर्गत राज्यपाल के विवेक का प्रयोग न्यायिक
समीक्षा के अधीन है?# क्या अनुच्छेद 361, अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के कार्यों की न्यायिक जांच पर
पूर्ण प्रतिबंध लगाता है?# क्या न्यायालय संवैधानिक समयसीमा के अभाव के
बावजूद अनुच्छेद 200 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते समय राज्यपालों के लिए समयसीमा
निर्धारित कर सकते हैं और प्रक्रियाएं निर्धारित कर सकते हैं?
# क्या अनुच्छेद 201 के अंतर्गत राष्ट्रपति का विवेक न्यायिक समीक्षा
के अधीन है?# क्या
न्यायालय अनुच्छेद 201 के अंतर्गत राष्ट्रपति के विवेकाधिकार के प्रयोग के लिए समयसीमा और
प्रक्रियागत आवश्यकताएं निर्धारित कर सकते हैं?# क्या राज्यपाल द्वारा आरक्षित विधेयकों पर
निर्णय लेते समय राष्ट्रपति को अनुच्छेद 143 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की राय लेनी चाहिए?# क्या अनुच्छेद 200 और 201 के तहत राज्यपाल और राष्ट्रपति द्वारा लिए गए
निर्णय, किसी
कानून के आधिकारिक रूप से लागू होने से पहले न्यायोचित हैं?# क्या न्यायपालिका अनुच्छेद 142
के माध्यम से राष्ट्रपति या राज्यपाल
द्वारा प्रयोग की जाने वाली संवैधानिक शक्तियों को संशोधित या रद्द कर सकती है?
# क्या अनुच्छेद 200 के अंतर्गत राज्यपाल की स्वीकृति के बिना कोई
राज्य कानून लागू हो जाता है?# क्या सर्वोच्च न्यायालय की किसी पीठ को पहले यह
निर्धारित करना होगा कि क्या किसी मामले में पर्याप्त संवैधानिक व्याख्या शामिल है
और फिर उसे अनुच्छेद
145(3) के तहत पांच न्यायाधीशों की पीठ को भेजना होगा?# क्या अनुच्छेद 142 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियां
प्रक्रियात्मक मामलों से आगे बढ़कर ऐसे निर्देश जारी करने तक विस्तारित हैं जो
मौजूदा संवैधानिक या वैधानिक प्रावधानों का खंडन करते हैं?# क्या संविधान सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 131
के अंतर्गत मुकदमे के अलावा किसी अन्य
माध्यम से संघ और राज्य सरकारों के बीच विवादों को सुलझाने की अनुमति देता है?