- Back to Home »
- Discussion »
- मिलिट्री में मुस्लिम लड़कियों को भर्ती होने के लिए प्रेरित करेगा बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा
Posted by : achhiduniya
29 May 2025

मुरादाबाद, रामपुर आदि) महाराष्ट्र के कुछ मुस्लिम बहुल क्षेत्र, कर्नाटक और केरल के मुस्लिम बहुल क्षेत्र,बिहार
और पश्चिम बंगाल के ऐसे क्षेत्र जहां मुस्लिम आबादी की बहुलता है। इससे पहले भी
मोर्चा ने ऐसी रणनीति अपनाई थी, जैसे
कौमी चौपाल अभियान, जिसमें 4,100 मुस्लिम-बहुल गांवों में समुदाय के
साथ संवाद किया गया था। अभियान में केंद्र सरकार की योजनाओं, जैसे उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री
आवास योजना, और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को भी
हाइलाइट किया जाएगा, ताकि
मुस्लिम समुदाय को यह बताया जा सके कि सरकार उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। यह
रणनीति समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने और भाजपा के प्रति समर्थन बढ़ाने का हिस्सा
है। यह अभियान भाजपा के पिछले अभियानों जैसे शुक्रिया मोदी भाईजान और कौमी चौपाल
की तर्ज पर बनाया गया गया है,जिसके
तहत मोर्चा ने मुस्लिम महिलाओं को लक्ष्य करके उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभों के
बारे में जागरूक किया था।
इस बार फोकस सेना में भर्ती पर है, जो एक नया आयाम जोड़ने की कोशिश भी है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष
जमाल सिद्धकी ने इस अभियान पर कहा कि कि कुछ कट्टरपंथी लोग मुस्लिम महिलाओं को बंद
करके रखना चाहते है, लेकिन
इस्लाम के अनुसार उन्हें बाहर
निकलकर काम करने की आजादी है। हम मुस्लिमों को
संविधान देकर उनको उनके अधिकारों की जानकारी भी देंगे। इसके लिए दिल्ली में शाहीन
बाग में बड़ा कार्यक्रम किया जायेगा। वहीं भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष
जमाल सिद्धकी ने जम्मू बीजेपी विधायक के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा
कि ये निंदनीय है। किसी को सेना का अपमान करने का अधिकार नहीं है। 9 जून से देशभर में इस कार्यक्रम की शुरुआत होगी, जिसमें
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा देशभर में मोदी सरकार के 11 साल
पर कार्यक्रम का आयोजन करेगा. जिसके अंतर्गत दरगाह, मदरसों
में चौपाल लगाई जाएंगी। मुस्लिम लड़कियों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित
किया जाएगा ताकि वे भी सेना से जुड़े, अग्निवीर
बने। इसके लिए 9 जून से देशभर में कार्यक्रम की शुरुआत
की जाएगी। इस संबंध में पार्टी की तरफ से एक कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें ये जिम्मेदारी भाजपा के अलग अलग राज्यों के अल्पसंख्यक मोर्चा को दी गई
है। अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी
हाल के वर्षों में धीरे-धीरे बढ़ी है, लेकिन
अभी भी यह कुल बल का एक छोटा हिस्सा है। यह पहल न केवल मुस्लिम महिलाओं को सेना
में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि
यह भी दर्शाएगी कि सरकार और भाजपा अल्पसंख्यक समुदायों को राष्ट्रीय मुख्यधारा में
शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कदम सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा देने और
अल्पसंख्यक समुदायों के बीच विश्वास निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास
माना जा रहा है।